Friday, 27 January 2017
Tuesday, 24 January 2017
Thursday, 5 January 2017
श्री कृष्ण के धन प्राप्ति से सम्बंधित अचूक टोटके
श्री कृष्ण के धन प्राप्ति से सम्बंधित अचूक टोटके :-
1. यदि आपकी आमदनी में कोई इज़ाफा नही हो रहा हो और नौकरी में प्रमोशन भी नहीं हो रहा हो तो जन्माष्टमी के दिन सात कन्याओं को घर बुलाकर खीर खिलाएं। यह काम पांच शुक्रवार तक लगातार करें।
2. आर्थिक संकट के निवारण और धन लाभ के लिए जन्माष्टमी के दिन प्रात: स्नान आदि करने के बाद किसी भी राधा-कृष्ण मंदिर में जाकर प्रभु श्रीकृष्ण जी को पीले फूलों की माला अर्पण करें। इससे आर्थिक संकट दूर होने लगते है और धन लाभ के योग प्रबल बनते है ।
3. जन्माष्टमी के दिन प्रात: दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक करें । इसके बाद यह उपाय हर शुक्रवार को करें । इस उपाय को करने वाले जातक से मां लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं। इस उपाय को करने से समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण होती है।
4. जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को सफेद मिठाई, साबुतदाने अथवा चावल की खीर यथाशक्ति मेवे डालकर बनाकर उसका भोग लगाएं उसमें चीनी की जगह मिश्री डाले , एवं तुलसी के पत्ते भी अवश्य डालें। इससे भगवान श्री कृष्ण की कृपा से ऐश्वर्य प्राप्ति के योग बनते है।
5. भगवान श्रीकृष्ण को पीतांबर धारी भी कहलाते हैं, पीतांबर धारी का अर्थ है जो पीले रंग के वस्त्र पहनने धारण करता हो। इसलिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन किसी मंदिर में भगवान के पीले रंग के कपड़े, पीले फल, पीला अनाज व पीली मिठाई दान करने से भगवान श्रीकृष्ण व माता लक्ष्मी दोनों प्रसन्न रहते हैं, उस जातक को जीवन में धन और यश की कोई भी कमी नहीं रहती है ।
6. जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण जी के मंदिर में जटा वाला नारियल और कम से कम 11 बादाम चढ़ाएं । ऐसी मान्यता है कि जो जातक जन्माष्टमी से शुरूआत करके कृष्ण मंदिर में लगातार सत्ताइस दिन तक जटा वाला नारियल और बादाम चढ़ाता है उसके सभी कार्य सिद्ध होते है, उसको जीवन में किसी भी चीज़ का आभाव नहीं रहता है।
7. जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को पान का पत्ता अर्पित करें फिर उसके बाद उस पत्ते पर रोली से श्री मंत्र लिखकर उसे अपनी तिजोरी में रख लें। इस उपाय से लगातार धन का आगमन होता रहता है ।
8. जन्माष्टमी की रात को 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करने से जीवन में स्थाई रूप से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है ।
9. अपने जीवन में सभी तरह की सुख समृद्धि प्राप्त करने के लिए जन्माष्टमी के दिन पीले चंदन, केसर, गुलाबजल मिलाकर माथे पर टीका-बिंदी लगाएं। यह काम हर गुरुवार को करें।
10. अगर क़र्ज़ के बोझ तले दबे हुए हो तो श्मशान के कुएं का जल लाकर पीपल के वृक्ष पर जन्माष्टमी से लेकर नियमित रूप से छह शनिवार तक चढ़ाएं।
11. लक्ष्मी कृपा पाने के लिए जन्माष्टमी पर कहीं केले के दो पौधे लगा दें। बाद में उनकी नियमति देखभाल करते रहें। जब पौधे फल देने लगे तो इनका दान करें, स्वयं न खाएं।
12. जन्माष्टमी के दिन कृष्ण मंदिर जाकर तुलसी की माला से नीचे लिखे मन्त्र की 11 माला जाप करें। इस उपाय से आपकी हर समस्या का समाधान हो सकता है। मंत्र- क्लीं कृष्णाय वासुदेवाय हरी: परमात्मने प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः
13. जन्माष्टमी को शाम के समय तुलसी को गाय के घी का दीपक लगाएं और ॐ वासुदेवाय नमः मंत्र बोलते हुए तुलसी की 11 परिक्रमा करें।
Wednesday, 4 January 2017
मात्र २१ दिनों में सिद्ध होने वाला आकर्षण मन्त्र - देखते ही करें आकर्षण
यदि आप अपने में आकर्षण शक्ति बढ़ाना चाहते है, किसी को भी प्रभावित करना चाहते है, उसके ह्रदय में अपने लिए शीघ्र ही स्थाई रूप से जगह बनाना चाहते है तो एक उपाय करें। तंत्र शास्त्र में एक ऐसा मन्त्र दिया है जिसको सिध्द करके उस मन्त्र की शक्ति से आप अपनी आकर्षण शक्ति को बहुत बड़ा सकते है। सोमवार के दिन सुबह स्नान करने के पश्चात पीले या गुलाबी वस्त्र धारण करें फिर सूर्योदय के 4 घंटे के भीतर ही उत्तर की ओर मुख करके यहाँ पर बताये गए मन्त्र की माला से 11 बार जाप करें।
” ॐ रिम हिंम कुरु कुरु जर जर करुणाय आकर्षण नम: नमः॥ ”
ऐसा लगातार 21 दिन तक करना है , इस तरह से यह मन्त्र सिद्ध हो जाता है।
अब आप जिस किसी को भी अपनी ओर आकर्षित करना चाहते है तो उस जातक में ह्रदय से रूचि ले, मन ही मन में उसका ध्यान करना शुरू करें एवं उसके सामने गहरे रंग के कपड़े ( लेकिन कपड़े शालीन हो ) पहन के जाएँ। जब आपका उससे आमना-सामना हो तो उस व्यक्ति की तरफ देखकर उसका नाम लेकर इस मंत्र को 11 बार बोले।
इससे वह व्यक्ति कुछ ही देर में आपकी और आकर्षित हो जायेगा, और आपमें रूचि लेने लगेगा ।
इस मन्त्र का प्रयोग किसी का अहित करने के लिए कदापि ना करे ।
बुधवार को गुप्त रूप से करें यह टोटका - तीव्र होगी धनागमन की गति
एक हंडिया में सवा किलो हरी साबुत मूंग की दाल, दूसरी में सवा किलो डलिया वाला नमक भर दें। यह दोनों हंडिया घर में कहीं साफ और सुरक्षित जगह में रख दें। यह क्रिया शुक्ल पक्ष को बुधवार के दिन करें। घर में धन आना और रुकना शुरू हो जाएगा। यथासंभव यह उपाय गुप्त रूप से करें और ध्यान रखें की कोई आपको उपाय के दौरान टोके नहीं।
Tuesday, 3 January 2017
बस यह एक गुप्त उपाय करता है सभी नौ ग्रहों की शांति और देता है सुख समृद्धि व ऐश्वर्य - अवश्य करें
जीवन में समस्त नौ ग्रहों की शांति एवं शुभ फल प्राप्त करने हेतु एक सूखे नारियल के अंदर घी व चीनी भरकर उसे सुनसान जगह में किसी पेड़ के नीचे चीटियों के बिल के पास गाड़ दें। इस प्रयोग को हर तीन महीने में एक बार बिना किसी को बताये अवश्य ही किया करें । इस उपाय को करने से दुर्भाग्य दूर होता है, सफलता आसानी से प्राप्त होती है , सोचे हुए शुभ कार्य पूर्ण होते है ।
Monday, 2 January 2017
भाग्य वृद्धि के लिए नहाने से पूर्व बस दो बूंद यह तेल नहाने के पानी में मिला लें और देखें चमत्कार
दो बूँद कपूर के तेल को नहाने के पानी में डालकर नहाने से भाग्य तेज होता है, शरीर की सारी नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है , शरीर में ऊर्जा आती है और चिन्ताएँ भी दूर ही रहती है । ऐसा करने से कुछ ही दिनों बाद आपको स्वयं अनुभव होने लगेगा की आपका भाग्य अब आपका ज्यादा साथ देने लगा है। सभी कार्य एक एक कर बनने लगते है और सफलता आपकी कदम चूमने लगती है।
अतिअद्भुत और चमत्कारिक पारद लक्ष्मी का यह उपाय बना देता है कुबेर के सामान धनवान
लक्ष्मी की पारद से बनी मूर्ति खरीदना भी बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है माता लक्ष्मी सुख और ऐश्वर्य की देवी है। लक्ष्मी उपासना में पारद लक्ष्मी का स्मरण अपार खुशहाली देने वाला है।खास तौर पर यह आर्थिक परेशानियों को दूर करने वाला है। व्यवसाय में बढ़ोत्तरी और नौकरी में तरक्की के लिए पारे से बनी लक्ष्मी प्रतिमा के पूजन का विशेष महत्व है।
इसकी विधि इस प्रकार है-
– गुरु पुष्य के दिन पारद लक्ष्मी की प्रतिमा (पारे से बनी मूर्ति) उपासना के दौरान एक विशेष मंत्र का जप करने से हर तरह का आर्थिक संकट दूर होता है। इस योग वाले दिन शाम को इच्छुक व्यक्ति को सबसे पहले स्नान कर खुद को पवित्र बनाना चाहिए। इसके बाद पारद लक्ष्मी की प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए। मां लक्ष्मी को लाल चंदन, अक्षत, लाल वस्त्र और दूध
से बने पकवान चढ़ाने चाहिए। इसके बाद माता को 108 लाल रंग के फूल अर्पित करें। हर बार
फूल चढ़ाते हुए एक मंत्र बोला जाना चाहिए।
मंत्र है:-
ऊंं श्री विघ्नहराय पारदेश्वरी महालक्ष्यै नम: ।।
इस तरह सारे फूल चढ़ाने के बाद माता लक्ष्मी की आरती पांच बत्तियों वाले दीप से कर अपने आर्थिक संकट दूर करने की प्रार्थना करनी चाहिए। इस मूर्ति का दिपावली के दिन तक रोज पूजन करना चाहिए। फिर इसे तिजोरी में स्थापित करना चाहिए।
आखिर कब होगा आपका भाग्योदय - स्वयं जानिए इस सरल विधि से
भृगु संहिता से जानिए किस-किस उम्र में हो सकता है आपका भाग्योदय– भाग्य या किस्मत ऐसे शब्द हैं, जिनका हमारे जीवन पर काफी अधिक प्रभाव माना जाता है। किसी भी प्रकार के सुख-दुख, सफलता-असफलता, अमीरी-गरीबी को भाग्य से जोड़कर ही देखा जाता है। सभी लोग जानना चाहते हैं कि हमारा अच्छा समय कब आएगा? कब हमारे पास बहुत सारा पैसा होगा? इन प्रश्नों के उत्तर भृगु संहिता में बताए गए हैं। ये एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें ज्योतिष संबंधी समस्त जानकारियां दी गई हैं। इस संहिता में कुंडली के लग्न के अनुसार भी बताया गया है कि व्यक्ति का भाग्योदय कब होगा?
कुंडली में होते हैं बारह भाव
कुंडली में बारह भाव होते हैं और ये 12 राशियों (मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन) का प्रतिनिधित्व करते हैं। कुंडली का प्रथम भाव यानी कुंडली के केंद्र स्थान में पहला घर जिस राशि का होता है, उसी राशि के अनुसार कुंडली का लग्न निर्धारित होता है। लग्न के आधार पर कुंडलियां बारह प्रकार की होती हैं।
अपनी कुंडली का पहला भाव यानी लग्न देखिए और यहां जानिए किस-किस उम्र में आपका भाग्योदय हो सकता है…
मेष लग्न की कुंडली
जिन लोगों की कुंडली मेष लग्न की है, सामान्यत: उनका भाग्योदय 16 वर्ष की आयु में या 22 वर्ष की आयु, 28 वर्ष की आयु, 32 वर्ष की आयु या 36 वर्ष की आयु में हो सकता है।
वृष लग्न की कुंडली
जिन लोगों की कुंडली वृष लग्न की है, उनका भाग्योदय 25 वर्ष की आयु, 28 वर्ष की आयु, 36 वर्ष की आयु या 42 वर्ष की आयु में भाग्योदय हो सकता है।
मिथुन लग्न की कुंडली
मिथुन लग्न की कुंडली वाले लोगों का भाग्योदय करने वाली आयु है 22 वर्ष, 32 वर्ष, 35 वर्ष, 36 वर्ष या 42 वर्ष। इन वर्षों में मिथुन राशि के लोगों का भाग्योदय हो सकता है।
कर्क लग्न की कुंडली
जिन लोगों की कुंडली कर्क लग्न की है, उनका भाग्योदय 16 वर्ष की आयु, 22 वर्ष की आयु, 24 वर्ष की आयु, 25 वर्ष की आयु, 28 वर्ष की आयु या 32 वर्ष की आयु में हो सकता है।
सिंह लग्न की कुंडली
जिन लोगों की कुंडली सिंह लग्न की है, उनका भाग्योदय 16 वर्ष की आयु में, 22 वर्ष की आयु में, 24 वर्ष की आयु में, 26 वर्ष की आयु में, 28 वर्ष की आयु में या 32 वर्ष की आयु में हो सकता है।
कन्या लग्न की कुंडली
कन्या लग्न की कुंडली वाले लोगों का भाग्योदय इन आयु वर्ष में हो सकता है- 16 वर्ष, 22 वर्ष, 25 वर्ष, 32 वर्ष, 33 वर्ष, 35 वर्ष या 36 वर्ष।
तुला लग्न की कुंडली
जिन लोगों की कुंडली तुला लग्न की है, उनके भाग्य का उदय 24 वर्ष की आयु में हो सकता है। यदि 24 वर्ष की आयु में भाग्योदय न हो तो इसके बाद 25 वर्ष की आयु में, 32 वर्ष की आयु में, 33 वर्ष की आयु में या 35 वर्ष की आयु में भाग्योदय हो सकता है।
वृश्चिक लग्न की कुंडली
वृश्चिक लग्न की कुंडली वाले लोगों का भाग्योदय 22 वर्ष की आयु में, 24 वर्ष की आयु में, 28 वर्ष की आयु में या 32 वर्ष की आयु में हो सकता है।
धनु लग्न की कुंडली
जिन लोगों की कुंडली धनु लग्न की है, उनका भाग्योदय 16 वर्ष की आयु में, 22 वर्ष की आयु में या 32 वर्ष की आयु में हो सकता है।
मकर लग्न की कुंडली
मकर लग्न की कुंडली वाले लोगों का भाग्योदय 25 वर्ष की आयु में या 33 वर्ष की आयु में या 35 वर्ष की आयु में या 36 वर्ष की आयु में हो सकता है।
कुंभ लग्न की कुंडली
जिन लोगों की कुंडली कुंभ लग्न की है, उनका भाग्योदय 25 वर्ष की आयु में, 28 वर्ष की आयु में, 36 वर्ष की आयु में या 42 वर्ष की आयु में हो सकता है।
मीन लग्न की कुंडली
मीन लग्न की कुंडली वाले लोगों का भाग्योदय 16 वर्ष की आयु में, 22 वर्ष की आयु में, 28 वर्ष की आयु में या 33 वर्ष की आयु में हो सकता है।
ध्यान रखें यहां सिर्फ कुंडली लग्न के आधार पर भाग्यदोय की संभावित उम्र बताई गई है। कुंडली के सभी नौ ग्रहों की स्थितियों और योगों के आधार पर ये फलादेश बदल भी सकता है।
अति दुर्लभ - कामदेव का सिद्ध वशीकरण करक और यौन शक्ति वर्धक मन्त्र
प्रेम और काम भावनाओं का कारक शुक्र ग्रह है और प्यार के देवता कामदेव माने गए हैं। अगर आप किसी को आकर्षित करना चाहते हैं या अपनी सेक्स पावर बढ़ाना चाहते हैं तो शुक्र एवं कामदेव को प्रसन्न करना चाहिए।
कामदेव मंत्र
कामदेव का यह मंत्र बढ़ाता है आपकी सेक्स पॉवर
‘ऊँ कामदेवाय विद्महे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात्।’
कामदेव का शाबर मंत्र भी बढ़ाता है सेक्स पॉवर
‘ऊँ नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा।’
शुक्र मंत्र से बढ़ता है सौन्दर्य
मंत्र :- ॐ द्राँ द्रीँ द्रौँ स: शुक्राय नम:
– ॐ शं सम्मोहनाय फट्
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