Buy Fast Growing Plants

Thursday 26 May 2016

भगवान शिव के डमरू से निकले महेश्वर सूत्र करते हैं हर रोग और व्याधि का विनाश



हमरे संस्कृत भाषा की सम्पूर्ण व्याकरण के आधार महेश्वर सूत्र है।  यह सिर्फ व्याकरण नही है पुराणों में वर्णित है कि भगवान शिव के डमरू से कुछ अचूक और चमत्कारी मंत्र निकले थे। श्रावण मास में शिव के डमरू से प्राप्त १४ सूत्रों को एक श्वास में बोलने का अभ्यास किया जाता है। इन १४ मंत्रो को ही महेश्वर सूत्र कहा जाता है यह इस प्रकार है :-

'अइउण्‌, त्रृलृक, एओड्, ऐऔच, हयवरट्, लण्‌, ञमड.णनम्‌, भ्रझभञ, घढधश्‌, जबगडदश्‌, खफछठथ, चटतव, कपय्‌, शषसर, हल्‌।


यह मंत्र कई बीमारियों का इलाज कर सकते हैं। इनकी एक माला (108 मंत्र) का जप प्रतिदिन करें। कोई भी कठिन कार्य हो शीघ्र सिद्धि प्राप्त होती है।

सर्प के काटने पर जिस व्यक्ति को सर्प ने काटा हो उसके कान में उच्च स्वर से इन सूत्रों का पाठ सुनाना चाहिए।

बिच्छू के काटने पर इन सूत्रों से झाड़ने पर विष उतर जाता है।

ऊपरी बाधा का आवेश जिस व्यक्ति पर आया हो उस पर इन सूत्रों से अभिमन्त्रित जल डालने से आवेश छूट जाता है।

इन सूत्रों को भोज पत्र पर लिखकर गले में बांधने से अथवा हाथ पर बांधने से प्रेत बाधा नष्ट हो जाती है।

ज्वर, सन्निपात, तिजारी, चौथिया आदि इन सूत्रों द्वारा झाड़ने फूंकने से ज्वर शीघ्र छूट जाता है अथवा इन्हें पीपल के एक बड़े पत्ते पर लिखकर गले या हाथ पर बांधने से भी ज्वर छूट जाते हैं।

उन्माद या मृगी आदि रोग से पीड़ित होने पर सूत्रों से झाड़ना चाहिए तथा प्रतिदिन जल को अभिमन्त्रित करके पिलाना चाहिए अथवा सफेद चंदन से अनार की कलम के द्वारा भोजपत्र पर लिखकर कवच के रूप में बांधा जा सकता है।




No comments:

Post a Comment