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Tuesday 12 December 2017

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिये करें बिच्छू बूटी की जड़ का ये अचूक प्रयोग

 बिच्छू बूटी
 बिच्छू बूटी

शनिदेव को प्रसन्न करने के लोग आमतौर पर नीलम, नीली या घोड़े की नाल का छल्ला धारण करते हैं लेकिन अनुकूल बैठने वाला उत्तम रत्न नीलम बहुत कम ही मिलता है । इसके साथ ही उसके भले -बुरे की परीक्षा भी अत्यधिक कठिन है। ज्योर्विद पंडित केएल झा शास्त्री ने बताया कि काफी महंगा होने के कारण यह रत्न जन साधारण के लिए खरीदना कठिन होता है। ऐसे में अगर आप भी शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो परेशान न हों क्योंकि नीलम की जगह आप बिच्छू बूटी की जड़ का प्रयोग कर सकते हैं। नीलम रत्न की जगह बिच्छू बूटी की जड़ का प्रयोग करके आप निश्चित रूप से शनिदोष से बच सकते हैं ।

क्या है बिच्छू बूटी

बिच्छू बूटी हिमाचल प्रदेश में बहुत होती है । कोमल कांटेदार पत्तों को स्पर्श करने से वृश्चिकदंश जैसी पीड़ा होने लगती है । इसीलिए इसका नाम बिच्छू बूटी है । इसे धारण करने के लिए किसी भी शुक्लपक्ष शनिवार को प्रातः पुष्य नक्षत्र में बिच्छू बूटी की जड़ उखाड़कर ले आएं। साथ ही पहले दिन शुक्रवार की संध्या को पहले निमंत्रण दें आएं। इस जड़ के टुकड़े को चांदी के ताबीज में भरकर शनिमन्त्र से अभिमंत्रित कर धारण करें । यह प्रत्येक व्यक्ति का शनिदोष निवारण करती है ।

इस मंत्र का करें जाप


ॐ -शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये ,शंय्योरभिस्रवन्तु नः शं शनये नमः ॐ



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