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Monday, 29 August 2016

अपने पूर्व जन्म के बारे में स्वयं जानें अपनी जन्म कुंडली से



ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर आपकी कुण्डली में गुरु लग्न यानी पहले घर में बैठा है तो यह समझना चाहिए कि पूर्वजन्म में आप किसी विद्वान परिवार में जन्मे थे।

अगर आपकी जन्मपत्री में गुरु पांचवें, सातवें या नवम घर में बैठा है तो यह संकेत है कि आप पूर्व जन्म में धर्मात्मा, सद्गुणी एवं विवेकशील रहे होंगे। उसके प्रभाव से इस जन्म में भी आप पढ़ने लिखने में होशियार होंगे।

जिसकी जन्म कुंडली में राहु पहले या सातवें घर में बैठा होता है, उनकी अस्वभाविक मृत्यु हो सकती है।  ऐसा व्यक्ति वर्तमान जीवन में चालाक होता है। इनका मन कई बार उलझनों में घिरा रहता है। वैवाहिक जीवन में आपसी तालमेल की कमी रहती है।
जिन व्यक्तियों का जन्म कर्क लग्न में हुआ है। यानी कुंडली में पहले घर में कर्क राशि है और चंद्रमा इस राशि में बैठा है तो यह समझना चाहिए कि व्यक्ति पूर्वजन्म में व्यापारी रहा होगा। ऐसा व्यक्ति चंचल स्वभाव का होता है। छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव के साथ यह जीवन में सफल होते हैं।


जिनकी जन्मपत्री में मंगल छठे, सातवें या दसवें स्थान में होता है वह पूर्वजन्म में बहुत ही क्रोधी व्यक्ति रहे होंगे। इन्होंने अपने क्रोध के कारण कई लोगों को कष्ट पहुंचाया होगा। इस जन्म में ऐसे व्यक्तियों वैवाहिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। चोट और दुर्घटना के कारण कष्ट होता है।



बहुत ही शुभ संकेत है मंदिर में जूते या चप्पल का चोरी हो जाना - पढें रोचक जानकारी




क्या कभी आपके जूते या चप्पल किसी मंदिर से गायब या चोरी हुए हैं ? सामान्यतः किसी भी वस्तु की चोरी से हमें कुछ आर्थिक नुकसान होता है साथ ही प्रिय वस्तु जाने से कुछ दुःख भी अवश्य होता है किन्तु पुरानी मान्यताओं के अनुसार जूते चप्प्ल का चोरी होना एक शुभ संकेत है विशेष रूप से यदि यह घटना मंदिर में घटे तो और भी अच्छा है और यदि संयोग से उस दिन शनिवार हो तो बहुत ही उत्तम रहता है।  ऐसा माना जाता है की पैरों में शनि ग्रह का प्रभाव रहता है ऐसे में यदि शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो तो शनि ग्रह के दुष्प्रभाव और भी बढ़ जाते हैं तब ज्योतिष किसी मंदिर में या जरूरतमंद व्यक्ति को अपनी पहनी  हुयी या नयी चप्पल या जूते दान करने की सलाह भी देते हैं। क्योंकि शनि का प्रभुत्व पैरों में रहता है अतः चप्पल या जूते शनिवार के दिन मंदिर में दान देने से या चोरी हो जाने से शनि द्वारा होने वाले कष्टों और अन्य बुरे प्रभावों से मुक्ति मिलती है अतः मंदिर में जूते चप्पल चोरी होने पर दुःखी नहीं बल्कि खुश हो जाए क्योंकि यह एक शुभ संकेत है जो बताता है की आपके जीवन में शनि द्वारा आने वाली बाधाएं अब कम हो जाएँगी।


Tuesday, 23 August 2016

यदि मार्ग में पड़े सिक्के मिलें तो करें यह उपाय - तीव्र होगी धन आगमन की गति



घर के आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) में सिक्‍कों वाला धात्विक कटोरा अर्थात्‌ धातु का कटोरा रखें * और उसमें ऐसे सिक्‍के जो मार्ग में पड़े मिले हों डालते जाएं । ऐसा करने से घर में आकस्मिक रूप से धनागम होने लगेगा ।




Friday, 19 August 2016

धन-धान्य, सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य देने वाला कुबेर मंत्र - ऐसे करें धनाधिपति कुबेर को प्रसन्न


 
 धन-धान्य, सुख-समृद्धि  और ऐश्वर्य की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को निम्नलिखित कुबेर मन्त्र का प्रतिदिन एक माला जप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए शीघ्र ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। मंत्र इस प्रकार है :-




ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये। 
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥

जानिए की क्या आपकी कुंडली में है अष्टलक्ष्मी योग ?



वैदिक ज्योतिष में राहु नैसर्गिक पापी ग्रह के रूप में जाना जाता है.इस ग्रह की अपनी कोई राशि नहीं है अत: जिस राशि में होता है उस राशि के स्वामी अथवा भाव के अनुसार फल देता है.राहु जब छठे भाव में स्थित होता है और केन्द्र में गुरू होता है तब यह अष्टलक्ष्मी योग  नामक शुभ योग का निर्माण करता है. अष्टलक्ष्मी योग में राहु अपना पाप पूर्ण स्वभाव त्यागकर गुरू के समान उत्तम फल देता है. अष्टलक्ष्मी योग जिस व्यक्ति की कुण्डली में बनता है वह व्यक्ति ईश्वर के प्रति आस्थावान होता है.इनका व्यक्तित्व शांत होता है.इन्हें यश और मान सम्मान मिलता है.लक्ष्मी देवी की इनपर कृपा रहती है। 

अति धनवान बनाने वाला आसान टोटका



एक छोटा सा मिट्टी का बर्तन लेकर श्मशान जाइये। इस बर्तन में श्मशान में स्थित जल के स्रोत जैसे नल, हैंडपंप आदि से पानी भरकर अपने घर ले आएं। इसमें चांदी का एक चौरस टुकड़ा रखकर घर के पूर्व दिशा में इस प्रकार स्थापित कर दें ताकि कोई इसके साथ छेड़-छाड़ नहीं करे। कुछ ही दिनों में आपके घर में धन वृद्धि होने लगेगी और शीघ्र ही आपको मनचाहा धन मिलेगा।




विशेष धन प्राप्ति के लिए करें अपनी राशि अनुसार यह सरल उपाय



धन प्राप्ति के राशि अनुसार उपाय ..
मेष राशि :-
1- रात में लाल चंदन और केसर घिसकर उससे रंगा हुआ सफेद कपड़ा यदि आप अपने गल्ले अथवा तिजोरी में बिछाएंगे तो उससे आपकी समृद्धि में हमेशा वृद्धि होगी तथा आकस्मिक धनहानि का अवसर भी नहीं आएगा।
2- शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर तेल का दीपक जलाएं तथा उस दीपक में दो काली गुंजा डाल दें तो वर्ष भर आपको आर्थिक रूप से परेशानी नहीं होगी। आपका रुका हुआ धन भी जल्दी ही मिल जाएगा।
3- स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ऐं क्लीं सौ:
वृषभ राशि :–
1- यदि बहुत पैसा कमाने के बावजूद भी आप उसे सेविंग नहीं कर पा रहे हैं तो लक्ष्मी पूजन के साथ-साथ कमल के फूल का भी पूजन करें तथा बाद में इस फूल को लाल कपड़े में बांधकर अपने धन स्थान यानी तिजोरी या लॉकर में रखें।
2- रात गाय के घी के दो दीपक जलाकर उन्हें किसी एकांत स्थान अपनी मनोकामना बताते हुए पर रख आएं। शीघ्र ही आपकी हर मनोकामना पूरी हो जाएगी।
3- स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ऐं क्लीं श्रीं
मिथुन राशि :-
1- यदि आप धन की कमी से जूझ रहे हैं तो लक्ष्मी-गणेश पूजन करते समय दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करके उसे अपने धन स्थान पर रखें।
2- यदि आप कर्ज से परेशान हैं तो लक्ष्मी पूजन के बाद गणेशजी की प्रतिमा को हल्दी की माला पहनाएं। इससे आपकी परेशान समाप्त हो जाएगी।
3- स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ क्लीं ऐं स:
कर्क राशि :-
1- यदि आपको धन लाभ की अभिलाषा है तो शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे तेल का पंचमुखी दीपक जलाएं।
2- यदि आप त्रिकोण आकृति का झंड़ा विष्णु भगवान के किसी मंदिर में ऊंचाई वाले स्थान पर इस प्रकार लगाएं कि वह लहराता रहे तो तक आपका भाग्य चमक उठेगा।
3- कर्क राशि के लोग स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ क्ली ऐं श्रीं
सिंह राशि :-
1- रात घर के मुख्य दरवाजे पर गाय के घी का दीपक जला कर रखें। यदि वह दीपक सुबह तक जलता रहे तो समझें कि आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा साथ ही मान-सम्मान भी बढ़ेगा।
2- यदि शत्रु आपको परेशान कर रहे हैं तो दीपावली की शाम को पीपल के पत्ते पर अनार की कलम से गोरोचन के द्वारा शत्रु का नाम लिखकर भूमि में दबा दें।
3- स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ह्रीं श्रीं सौं:
कन्या राशि :-
1- यदि आपको धन संबंधी कोई समस्या है तो आप लाल रुमाल में नारियल बांधकर अपने गल्ले अथवा तिजोरी में रखें। धन लाभ होने लगेगा। इसके दो कमलगट्टे की माला माता लक्ष्मी के मंदिर में दान अर्पित करें।
2- यदि आपको नौकरी संबंधी कोई समस्या है तो आप तक रोज मीठे चावल कौओं को खिलाएं। इससे आपकी समस्या का निदान हो जाएगा।
3- स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ श्रीं ऐं सौं
तुला राशि :-
1- यदि आपको व्यवसाय में घाटा हो रहा है तो आप बड़ के पेड़ के पत्ते पर सिंदूर व घी से ॐ श्रीं श्रियै नम: मंत्र लिखें और इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।
2- लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए तुला राशि के लोग सुबह स्नान आदि नित्य कर्म करने के बाद किसी लक्ष्मी मंदिर में जाकर 11 नारियल अर्पित करें।
3- स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ह्रीं क्लीं श्रीं
वृश्चिक राशि :-
1- इस राशि के लोगों को यदि धन की इच्छा है तो वे अपने घर के बगीचे या बरामदे में केले के दो पेड़ लगाएं तथा इनकी देखभाल करें। परंतु इनके फल का सेवन न करें।
2- यदि परिवार में अशांति है तो नागकेसर का फूल लाकर घर में कहीं छिपा दें। जहां उसे कोई देख न सके।
3- स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ऐं क्लीं सौ:
धनु राशि :
1- इस राशि के लोग धन प्राप्ति के लिए पान के पत्ते पर रोली से श्रीं लिख कर अपने पूजा स्थान पर रखे तथा रोज इसकी पूजा करें।
2- यदि तुला राशि के लोग किसी बीमारी से परेशान हैं तो चंद्रमा को अध्र्य दें और बीमारी के निवारण के लिए प्रार्थना करें। अमावस्या होने से चांद दिखाई नहीं देगा तो भी अध्र्य दें।
3- स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ह्रीं क्लीं सौ:
मकर राशि :-
1- काफी समय से यदि धन रुका हुआ है तो आक की रुई का दीपक घर के ईशान कोण में जलाएं।
2- यदि विवाह में बाधा आ रही है तो भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें पीला वस्त्र, पीली मिठाई अर्पित करें।
3-स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ऐं क्लीं सौ:
कुंभ राशि :-
1- जीवन साथी के साथ नहीं बनती है तो खीर बनाएं इसका भोग लक्ष्मी को लगाएं और फिर स्वयं भी खाएं। इससे दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी।
2- धन प्राप्ति के लिए नारियल के कठोर आवरण में घी डालकर लक्ष्मीजी के समक्ष दीपक जलाएं। यह दीपक रात भर जलने दें
3- स्फटिक या कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ह्रीं ऐं क्लीं श्रीं
मीन राशि :-
1- यदि आपको शत्रु पक्ष से परेशानी हैं तो कर्पूर के काजल से शत्रु का नाम लिखकर अपने पैर से मिटा दें।
2- धन लाभ के लिए किसी लक्ष्मी मंदिर में जाकर कमल के फूल, नारियल अर्पित करें तथा सफेद मिठाई का भोग लगाएं।
3- कमलगट्टे की माला से इस मंत्र का जप करें- ॐ ह्रीं क्लीं सौ:

Wednesday, 10 August 2016

गिद्ध पक्षी देता है धन प्राप्ति का शुभ संदेश - अत्यंत ही अचूक शुभ शकुन



गिद्ध यदि चोंच मारकर हाथ की कोई चीज या उसका कुछ अंश लेकर उड़ जाये तो  यह  शुभ संकेत है और आपको शीघ्र ही धन लाभ होने वाला है  और यह एयक शुभ शकुन माना गया है ।


बुरा समय शुरू होने का संकेत देती हैं यह घटनाएं - जानिए और सचेत हो जाइए



अच्छा और बुरा समय जीवन का एक सतत हिस्सा है अच्छे के बाद बुरा और बुरे के बाद अच्छा समय आता जाता रहता है लेकिन कुछ विशेष घटनाओं द्वारा यह संकेत पहले ही मिल जाता है की कुछ बुरा होने वाला है जैसे :-


  1. जब कुत्ता आपके घर की तरफ मुंह कर रोने लगे तो समझ जाए की बुरा समय शुरू होने वाला है और समय रहते ज्योतिष सलाह से उपाय आरम्भ कर दें । (कुत्ते की छठी इंद्री विकसित होती है इसलिए जब कोई अपशकुन होने वाला होता है तो यह रोना शुरु कर देता है.) 
  2.  जब पारिवारिक सदस्यों में से किसी का सोना गुम हो जाए तो यह भी अपशकुन होता है और भावी संकटों का संकेत होता है ।
  3.  जब दीपावली, होली, दशहरा, राखी जैसे पर्वों और घर के मांगलिक आयोजन पर परिवारिक सदस्यों मे कलेश होने लगे व बात हाथापाई पर आ जाए तो यह भी अपशकुन होता है और भावी संकटों का संकेत होता है।


ज्योतिषशास्त्र के अनुसार व्यक्ति का बुरा समय अधिकतर जन्म चंद्र से विभिन्न ग्रहों के गोचर पर आता है जैसे कि शनि का बारहवें, पहले, दूसरे चौथे व आठवें भाव में गोचर करना। बृहस्पति का छठे, आठवें या दसवें भाव में गोचर करना। राहू का चौथे, नवें या बारहवें भाव में गोचर करना। केतू का तीसरे, छठे या आठवें भाव में गोचर करना। इसके अलावा व्यक्ति का बुरा विभिन्न दशाओं में आता है जैसे की व्यक्ति पर बाधक ग्रह की महादशा चलना। व्यक्ति पर छठे भाव के स्वामी की महादशा चलना। व्यक्ति पर मरकेश ग्रह की महादशा चलना। व्यक्ति पर अष्टम भाव के स्वामी की महादशा चलना। व्यक्ति पर बारहवें भाव के स्वामी की महादशा चलना।



Thursday, 4 August 2016

जरूर जानिए चमत्कारिक पारद शिवलिंग के यह विशेष जानकारी



पारद शिवलिंग से धन-धान्य, आरोग्य, पद-प्रतिष्ठा, सुख आदि भी प्राप्त होते हैं। नवग्रहों से जो अनिष्ट प्रभाव का भय होता है, उससे मुक्ति भी पारद शिवलिंग से प्राप्त होती है।

पारद शिवलिंग की भक्तिभाव से पूजा-अर्चना करने से संतानहीन दंपति को भी संतानरत्न की प्राप्ति हो जाती है। 12 ज्योतिर्लिंग के पूजन से जितना पुण्यकाल प्राप्त होता है उतना पुण्य पारद शिवलिंग के दर्शन मात्र से मिल जाता है।
पारद शिवलिंग  पारे से निर्मित होते हैं। पारे को विशेष प्रक्रियाओं द्वारा शोधित किया जाता है जिससे वह ठोस बन जाता है फिर तत्काल उसके शिवलिंग बना लिए जाते हैं।

पारद शिवलिंग बहुत ही पुण्य फलदायी और सौभाग्यदायक होते हैं। पारद शिवलिंग के महत्व का वर्णन ब्रह्मपुराण, ब्रह्मवेवर्त पुराण, शिव पुराण, उपनिषद आदि अनेक ग्रंथों में किया गया है।
पारद शिवलिंग से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है। रुद्र संहिता में यह विवरण प्राप्त होता है कि रावण रसायन शास्त्र का ज्ञाता और तंत्र-मंत्र का विद्वान था। उसने भी रसराज पारे के शिवलिंग का निर्माण एवं पूजा-उपासना कर शिवजी को प्रसन्न किया था।

झाबुआ व बस्तर में रहने वाले आदिवासी, जो शहरों में जड़ी-बूटी बेचते आसानी से देखे जा सकते हैं, उनमें से कई पारद को ठोस बनाने की कला जानते हैं, परंतु पारद से शिवलिंग एक विशेष समय में बनाए जाते हैं जिसे 'विजयकाल' कहा जाता है। तत्पश्चात अच्छा शुभ मुहूर्त देखकर शिवलिंग की प्राण-प्रतिष्ठा करवाई जाती है।

पारद शिवलिंग की पूजा-अर्चना का तरीका सामान्य शिवलिंग के समान ही होता है। जिस घर में पारद शिवलिंग होता है, वह धन-धान्य से परिपूर्ण और दुर्गुणों से मुक्त होता है।



Monday, 1 August 2016

दरिद्रता नाशक बेलपत्र की महिमा - क्यों भोलेनाथ को चढ़ाएं बिल्वपत्र



त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्र च त्रियायुधम।
त्रिजन्म पाप संहारम बिल्व पत्र शिवार्पणम।।

भगवान शिव को जो पत्र-पुष्प प्रिय हैं उनमें बिल्वपत्र प्रमुख है। श्रावण मास में बिल्वपत्र को शिव पर अर्पित करने से धन-संपदा, ऎश्वर्य प्राप्त होता है। लिंग पुराणानुसार “बिल्व पत्रे स्थिता लक्ष्मी देवी लक्षण संयुक्ता” अर्थात बिल्व पत्र में लक्ष्मी का वास माना जाता है। बिल्व वृक्ष को श्री वृक्ष भी माना जाता है। ऋग्वेदोक्त श्री सूक्त के अनुसार मां लक्ष्मी के तपोबल से बिल्वपत्र उत्पन्न हुआ, जो दरिद्रता को दूर करने वाला है। यह न केवल बाहरी बल्कि भीतरी दरिद्रता को भी दूर करने में समर्थ है। भगवान शिव की पूजा में पुष्पों का अभाव होने पर बिल्वपत्र चढ़ाने से भी शिवजी प्रसन्न हो जाते हैं। बिल्वपत्र को हमेशा शिवलिंग पर उल्टा चढ़ाना चाहिए। श्रावण मास में सहस्त्र बिल्वपत्र शिवलिंग पर चढ़ाने से शीघ्र ही समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।



सोने के दान के बराबर फल देता है भगवान शिव को अर्पित किया गया यह फूल


माना जाता है की भगवान शिव  जी को आंकड़े का फूल अत्यंत ही प्रिय है।  शास्त्रों के मुताबिक शिव पूजा में एक आंकड़े का फूल चढ़ाना सोने के दान के बराबर फल देता है।अतः शिव पूजन में भगवान शिव को उनका यह  अतिप्रिय पुष्प अवश्य ही अर्पित करना चाहिए।


काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति सावन में करें यह आसान उपाय मिलेगी इस दोष के दुष्प्रभाव से शांति



काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को सावन के माह में प्रतिदिन और सावन के सोमवार तथा नाग पंचमी के दिन विशेष रूप से ११ - ११ बेल पत्र पर क्रमशः राहु और केतु लिख कर भगवान शिव को अर्पित करना चाहिए। इस उपाय से काल सर्प दोष के कारण आ रही बाधाओं से राहत मिलती है।