त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्र च त्रियायुधम।
त्रिजन्म पाप संहारम बिल्व पत्र शिवार्पणम।।
भगवान शिव को जो पत्र-पुष्प प्रिय हैं उनमें बिल्वपत्र प्रमुख है। श्रावण मास में बिल्वपत्र को शिव पर अर्पित करने से धन-संपदा, ऎश्वर्य प्राप्त होता है। लिंग पुराणानुसार “बिल्व पत्रे स्थिता लक्ष्मी देवी लक्षण संयुक्ता” अर्थात बिल्व पत्र में लक्ष्मी का वास माना जाता है। बिल्व वृक्ष को श्री वृक्ष भी माना जाता है। ऋग्वेदोक्त श्री सूक्त के अनुसार मां लक्ष्मी के तपोबल से बिल्वपत्र उत्पन्न हुआ, जो दरिद्रता को दूर करने वाला है। यह न केवल बाहरी बल्कि भीतरी दरिद्रता को भी दूर करने में समर्थ है। भगवान शिव की पूजा में पुष्पों का अभाव होने पर बिल्वपत्र चढ़ाने से भी शिवजी प्रसन्न हो जाते हैं। बिल्वपत्र को हमेशा शिवलिंग पर उल्टा चढ़ाना चाहिए। श्रावण मास में सहस्त्र बिल्वपत्र शिवलिंग पर चढ़ाने से शीघ्र ही समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
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