गंगा जल का महत्त्व सभी जानते हैं हिन्दू धर्म और संस्कृति में इसका विशेष महत्त्व है। कहा जाता है की घर में पवित्र नदियों का जल संग्रहित करके रखना चाहिए उसमें भी गंगा जी को नदियों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। जन्म के बाद घर की शुद्धि करनी हो या मरणासन्न व्यक्ति को सद्गति के लिए गंगा जल पिलाना हो जन्म से मृत्यु तक गंगा जल का उपयोग किया जाता है किन्तु अनजाने में अक्सर हम गंगा जल के रख रखाव में कुछ गलतियाँ करते हैं जो अनजाने में किया गया अपराध है और इसके लिए हमें दण्ड भी भोगना पड़ सकता है यह गलतियां इस प्रकार हैं :-
१:- गंगा जल को हमेशा पवित्र स्थान पर ही रखें गन्दी जगह पर नहीं और समय समय पर उस स्थान की सफाई भी करें।
२:- गंगा जल और अन्य पवित्र नदियों के जल को हमेशा ईशान कोण में ही रखें।
३:- कभी भी गंगा जल को चर्म या प्लास्टिक के पात्र में नहीं रखना चाहिए हमेशा तांबे चांदी य अन्य धातुओं से बने पात्र में ही रखें।
४:- गंगा जल को जूठे हाथों से छूना वर्जित है।
५:- जिस कमरे में गंगा जल रखा हो वहाँ मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए उचित होगा की गंगा जल को पूजाघर में रखें।
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