शास्त्रों में प्रत्येक कार्य के लिए एक विशेष समय निर्धारित किया गया है और यह भी बताया गया है की उपयुक्त
समय पर काम न करने से उसके क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं, शारीरिक संबंध बनाने के लिए मध्य रात्रि का समय सबसे उत्तम माना गया है। यह समय रात्रि के १२ बजे से रात्रि के ३ बजे तक होता है। माना गया है की भोजन से कम से कम ३ घंटे तक शारीरिक संबंध नहीं नहीं बनाना चाहिए क्योंकि भोजन के पाचन में कम से कम तीन घंटे लगते है इसके पहले संबंध बनाने से पेट और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं उसी तरह प्रातः ४ बजे ब्रम्ह मुहर्त माना जाता है यह सर्वोत्तम समय होता है इस समय व्यक्ति की आध्यात्मिक शक्तियां चरम पर जाग्रत होती है इस समय स्नान करके ध्यान पूजन अर्चन करना चाहिए किन्तु शारीरिक संबंध भूल से भी नहीं बनाने चाहिए शास्त्रों में कहा गया है की ब्रम्ह मुहर्त में संबंध बनाने से पुरुषत्व की हानि होती है और दुर्भाग्य एवं बुरे समय का आरम्भ हो जाता है और लक्ष्मी रूष्ट हो कर वह घर त्याग देती हैं।
समय पर काम न करने से उसके क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं, शारीरिक संबंध बनाने के लिए मध्य रात्रि का समय सबसे उत्तम माना गया है। यह समय रात्रि के १२ बजे से रात्रि के ३ बजे तक होता है। माना गया है की भोजन से कम से कम ३ घंटे तक शारीरिक संबंध नहीं नहीं बनाना चाहिए क्योंकि भोजन के पाचन में कम से कम तीन घंटे लगते है इसके पहले संबंध बनाने से पेट और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं उसी तरह प्रातः ४ बजे ब्रम्ह मुहर्त माना जाता है यह सर्वोत्तम समय होता है इस समय व्यक्ति की आध्यात्मिक शक्तियां चरम पर जाग्रत होती है इस समय स्नान करके ध्यान पूजन अर्चन करना चाहिए किन्तु शारीरिक संबंध भूल से भी नहीं बनाने चाहिए शास्त्रों में कहा गया है की ब्रम्ह मुहर्त में संबंध बनाने से पुरुषत्व की हानि होती है और दुर्भाग्य एवं बुरे समय का आरम्भ हो जाता है और लक्ष्मी रूष्ट हो कर वह घर त्याग देती हैं।
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