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Wednesday, 27 December 2017

आमदनी बढ़ाने के अचूक व जबरदस्त तरीके


आमदनी (इनकम) बढ़ाने के आसान उपाय

Income Badhane Ke Upay: कई बार ऐसा होता है कि भरपूर मेहनत करने के बाद भी पर्याप्त आमदनी नहीं हो पाती है या फिर आय का कोई निश्चित व नियमित स्त्रोत नहीं मिल पाता है। ज्योतिष शास्त्र में कई ऐसे साधारण उपाय बताए गए हैं जिन्हें यदि विधि-विधान पूर्वक किए जाएं तो इनकम का स्त्रोत स्थाई हो जाएगा, साथ ही उसमें बढ़ोत्तरी भी होगी। आइए जानते है कुछ ऐसे ही उपाय –










उपाय-1
जब भी आप बैंक में पैसा जमा कराने या निकालने जाएं तो मन ही मन मां लक्ष्मी के मंत्र का जाप करते रहें। यदि लक्ष्मी मंत्र याद न हो तो विष्णु मंत्र का जाप भी किया जा सकता है। ऐसा करने से लेन-देन में आपको लाभ होगा, साथ ही बैंक में जमा राशि में भी बरकत होगी। नीचे कुछ मंत्र दिए गए हैं। इनमें से किसी भी मंत्र का जाप आप कर सकते हैं।
मंत्र
1. ऊं महालक्ष्म्यै नम:
2. ऊं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:
3. ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:
4. ऊं विष्णवे नम:
5. ऊं नमो नारायण:




उपाय-2
शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को यथाशक्ति (जितना संभव हो) चावल भगवान शिव के मंदिर ले जाएं। अब अपने दोनों हाथों में जितने चावल आ जाएं उतने शिवजी को अर्पण कर दें और भगवान शिव से धन प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें। जितने चावल के दानें शिवजी को अर्पण किए जाते हैं, उसका उतने ही हजार गुना फल मिलता है। अब बचा हुआ चावल गरीबों में बांट दें। यह इनकम बढ़ाने का अचूक उपाय है।

उपाय-3
हर शुक्रवार को तुलसी के पौधे के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं व नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें। इस उपाय से आपके बैंक अकाउंट में धन सदैव बढ़ता रहेगा। यदि आप किसी ऑफिस में काम करते हैं या आपकी कोई दुकान है तो आप अपने वर्क टेबल पर मोती शंख भी रखें। यह उपाय करने से निश्चित ही आपका बैंक बैलेंस बढ़ने लगेगा।
मंत्र- ऊं श्रीं श्रीं श्रीं


उपाय-4
जब किसी महीने के कृष्ण पक्ष में भरणी नक्षत्र आए तो उस दिन पानी से भरे हुए चार कलश लेकर किसी सुनसान जगह पर जाएं और वहां उन कलशों को रखकर चुपचाप चले आएं। फिर दूसरे दिन जाकर जो कलश खाली मिले, उसे घर ले आएं। शेष को वहीं छोड़ दें। खाली कलश को घर के एकांत कोने में रखकर रोज उसकी पूजा करें तो उस व्यक्ति पर लक्ष्मी प्रसन्न होकर उसी के घर में निवास करती हैं।

उपाय-5
धन प्राप्ति के उपायों में कई वस्तुओं का उपयोग भी किया जाता है, जो माता लक्ष्मी को प्रिय हैं। ऐसी ही एक वस्तु है समुद्र से निकलने वाली कौड़ियां। दिखने में यह बहुत साधारण होती है लेकिन इसका प्रभाव बहुत अधिक होता है। इसके उपायों से इनकम बढ़ने लगती है-
1. चांदी के सिक्कों के साथ यदि कौड़ियां धन स्थान पर रखी जाएं तो निश्चित ही धन लाभ होता है।
2. कौड़ियों को केसर या हल्दी से रंग कर पीले कपड़े में बांध कर तिजोरी में रखने से लाभ होता है।
3. गल्ले में, तिजोरी में या आलमारी में जहां पैसे रखते हैं वहां कौड़ियां रखने से अचानक धन लाभ होता है।



उपाय-6
बुधवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कामों से निपटकर लक्ष्मीजी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद मूर्ति या तस्वीर की विधिवत पूजा करें। लक्ष्मीजी के चरणों पर इत्र लगाएं और इसके बाद नीचे लिखे मंत्र का 5 माला जप करें-
ऊँ ह्लीं ऐं क्लीं श्री:
इसके बाद किसी ब्राह्मण और कुंवारी कन्या को भोजन करवाकर उसे दक्षिणा, वस्त्र, आदि भेंट स्वरूप प्रदान करें। तत्पश्चात लक्ष्मीजी की वह मूर्ति या तस्वीर अपने पूजा स्थान या कार्यस्थल पर स्थापित कर दें। आप देखेंगे कि कुछ ही दिनों में आपकी हर समस्या का निदान हो जाएगा और धन का आगमन भी होने लगेगा।


उपाय-7
किसी गुरुवार को एक पीले रंग का रूमाल या कपड़ा लेकर किसी ऐसे मंदिर जाएं, जहां तुलसी का पौधा लगा हो। अब उस तुलसी के पौधे के आस-पास जो घास उगी हो, उसे तोड़कर पीले कपड़े या रूमाल में रखकर वापस घर ले आएं। इसको व्यापार स्थल तथा घर में रख दें। कुछ ही दिनों में व्यापार में वृद्धि तथा धन की बरकत दिखाई देने लगेगी।

उपाय-8
एक पीले कपड़े पर कुंकुम से 5 बार नीचे बताया गया मंत्र लिखें। अब इस कपड़े पर 5 कमल के फूल, 5 कौड़ी, 5 गोमती चक्र व 1 मोती शंख रखकर शुक्रवार की रात किसी लक्ष्मी मंदिर में चुपचाप रख आएं। इस उपाय से जल्दी ही आपकी इनकम का स्त्रोत स्थाई हो जाएगा और उसमें बढ़ोत्तरी भी होगी।
मंत्र- ऊं श्रीं शिवत्वं श्रीं ऊं

उपाय-9
किसी शुभ योग में रात के समय लाल वस्त्र पहन कर आसन पर बैठें। सामने दस लक्ष्मीकारक कौड़ियां रखकर एक बड़ा तेल का दीपक जला लें और प्रत्येक कौड़ी को सिंदूर से रंग हकीक माला से इस मंत्र की पांच की माला मंत्र जाप करें
मंत्र
ऊँ ह्रीं श्रीं श्रियै फट्
इस प्रयोग से लक्ष्मी शीघ्र ही प्रसन्न हो जाती है और आपके जीवन में फिर कभी धन की कमी नहीं होती।

उपाय-10
रास्ते में जाते समय या कहीं और कोई किन्नर नजर आए तो उसे अपनी इच्छा के अनुसार कुछ रुपए आदि भेंट करें। संभव हो तो उसे भोजन भी कराएं। इसके बाद उस किन्नर से आप एक सिक्का (उसके पास रखा हुआ, आपके द्वारा दिया हुआ नहीं) मांग लें। इस सिक्के को अपने गल्ले, कैश बॉक्स या धन स्थान पर रख दें। आप देखेंगे कि कुछ ही दिनों में आपकी सेविंग बढ़ जाएगी और साथ में इनकम भी।




धन प्राप्ति या लक्ष्मी प्राप्ति अचूक व जबरदस्त टोटके

धन प्राप्ति के उपाय जानने की इच्छा हर व्यक्ति रखता है। क्योंकि धन का महत्व हर युग और काल खंड में रहा है। बात चाहे पौराणिक काल की रही हो या फिर आधुनिक युग की, धन ने अपना महत्व शुरू से ही सबके जीवन में दर्शाया है। कुल मिलाकर धन के बगैर कुछ भी संभव नहीं है। धन प्राप्ति की कामना हर कोई करता है और उसे पाने के लिए हर संभव प्रयास करता है। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय, इन उपायों की मदद से आपके जीवन में आ रही आर्थिक तंगी दूर होगी और धन की देवी लक्ष्मी की आप पर कृपा होगी।



लक्ष्मी प्राप्ति के सरल उपाय

महालक्ष्मी पूजा: लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय में सबसे पहले धन की देवी यानि मां लक्ष्मी की आराधना का विधान है। क्योंकि लक्ष्मी जी की कृपा के बगैर पैसों की कामना करना असंभव है। शुक्रवार के दिन महालक्ष्मी का पूजन करें। माता लक्ष्मी की फोटो या मूर्ति के आगे तिल के तेल व घी का दीया जलाएं। हल्दी व कुमकुम का तिलक लगाकर, मां को गुलाब के पुष्प अर्पित करें और धूपबत्ती जलाकर पूजा करें। दूध व गुड़ से तैयार मिठाइयों का भोग लगाएं। मां लक्ष्मी से अपनी सुख-समृद्धि व जीवन में कृपा बनाएं रखने के लिए कामना करें।

यंत्र पूजा

धन प्राप्ति के उपाय में विभिन्न यंत्रों की पूजा का महत्व भी बताया गया है। इनमें श्री यंत्र, महालक्ष्मी यंत्र, धन वर्षा यंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, लक्ष्मी-कुबेर यंत्र का प्रभाव बहुत सकारात्मक होता है। इन यंत्रों के प्रभाव से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और जीवन में सुख प्राप्त होता है। चाहें तो प्राचीन परंपरा के अनुसार घर के ईशान कोण में श्री यंत्र, ताम्र पत्र, रजत पत्र या भोज पत्र पर बनवाकर और फिर उनमें प्राण प्रतिष्ठा करवाने के बाद उनकी पूजा भी कर सकते हैं। धन प्राप्ति के उपाय के संबंध में अन्य यंत्र इस प्रकार हैं-

नवग्रह यंत्र: ज्यामितिक आकृति वाले यंत्र नवग्रह यंत्र कहलाते हैं जो नौ ग्रह जैसे सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु व केतु को दर्शाते हैं। इनका इस्तेमाल ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम करने व उनके सकारात्मक फल को प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इनको पूजने से शुभ फल प्राप्त होता है और आर्थिक संकट दूर होता है।


महालक्ष्मी यंत्र: इस यंत्र की स्थापना देवी महालक्ष्मी की आराधना के लिए की जाती है। घर-परिवार में सकारात्मकता, शांति, सौहार्द व धन की वर्षा के लिए इसकी पूजा की जाती है। इसके प्रभाव से नकारात्मकता दूर होती है। इसके साथ ही दंपतियों का रिश्ता भी मज़बूत होता है।


श्री धन वर्षा यंत्र: जैसा कि नाम से ज़ाहिर है कि धन वर्षा यानि पैसों की वर्षा। महालक्ष्मी जी कृपा पाने के लिए इस यंत्र की पूजा की जाती है। इसके सकारात्मक प्रभाव से आय में वृद्धि होती है साथ ही आपके आय के स्रोत में आने वाली रुकावटें भी दूर होती हैं। इस यंत्र की पूजा करना धन प्राप्ति का अचूक उपाय है।


श्री यंत्र: श्री यंत्र धन, आनंद, शांति की भावना को बढ़ाता है। देवी महालक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने में सहायता करता है। जीवन में शुभ प्रभाव को बढ़ाता है। आर्थिक रूप से मज़बूत बनाता है। शादीशुदा जीवन में प्रेम बनाए रखता है। जीवन में विश्वास और भक्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। सुख, शांति व आनंद प्रदान करता है।


कुबेर देव का पूजन
यक्षों के राजा कुबेर को धन का अधिपति माना जाता है। पृथ्वीलोक की समस्त धन संपदा के भी एकमात्र वही स्वामी हैं। इनकी कृपा से धन प्राप्ति के योग बन जाते हैं। धन के अधिपति को पूज कर व मंत्र साधऩा करके आप भी कुबेर महाराज का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। देवी महालक्ष्मी के साथ कुबेर महाराज को पूजने से जीवन में आर्थिक लाभ प्राप्त होता है। इसलिए कुबेर यंत्र की स्थापना और आराधना भी धन प्राप्ति का अच्छा उपाय है।


श्रीसूक्त पाठ
लक्ष्मी प्राप्ति के उपाय के संबंध में श्री सूक्त पाठ का बड़ा महत्व है। ऋग्वेद में माता लक्ष्मी की उपासना हेतु श्री सूक्त के मंगलकारी मंत्रों का ज़िक्र किया गया है। शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करते वक्त श्रीसूक्त मंत्र का पाठ कीजिए या फिर हवन करते वक्त भी आप इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। श्रीसूक्त पाठ से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और गरीबी को दूर कर सुख व समृद्धि प्रदान करती हैं।

स्तोत्र व श्लोक का जाप-
स्तोत्र व श्लोक का उच्चारण सुख-समृद्धि, संपन्नता व वृद्धि से संबंधित शुभ फल प्रदान करता है। आप निम्नलिखित स्तोत्र का जाप कर सकते हैं-

महालक्ष्मी अष्टकम: महालक्ष्मी अष्टकम का रोजाना जाप करें। ऐसा करने से धन प्राप्त होता है। इसके साथ ही यह विरोधियों से हमारी रक्षा करता है व पापों को धोता है। इसके अलावा इसके जाप से मन को शांति भी मिलती है।
महालक्ष्मी कवच: आर्थिक संपन्नता के अलावा इस स्तोत्र के जाप से स्वस्थ व दीर्घायु प्राप्त होती है।
कनकधारा स्तोत्र: अपार धन प्राप्ति और धन संचय के लिए कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से चमत्कारिक रूप से लाभ प्राप्त होता है।
नारायण कवच: भगवद पुराण के आठवें अध्याय के छठे स्कन्द में नारायण कवच का जिक्र किया गया है। यह शक्तिशाली मंत्र भगवान विष्णु को समर्पित है। घर में सुख, शांति, समृद्धि बनाएं रखने के लिए रोजाना इस मंत्र का सुबह-सुबह जाप करें। इसके जाप से जीवन में सकारात्मकता का प्रभाव बढ़ता है साथ ही यह कवच हमारी सुरक्षा भी करता है। नारायण जी के इस जाप से मां लक्ष्मी भी प्रसन्न हो जाती हैं व अपनी कृपा हम पर बरसाती हैं।
लिंगाष्टकम: लिंगाष्टकम के जाप से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। इसकी कृपा से अष्ट यानि आठ प्रकार के दरिद्र का नाश होता है और अत्यंत शुभदायी फल प्रदान होता है। ये मंत्र कुछ इस प्रकार है-

अष्टदलोपरिवेष्टित लिंगं, सर्वसमुद्भवकारण लिंगं। 
अष्टदरिद्रविनाशित लिंगं, तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगं॥

अर्थात आठों दलों में मान्य, एवं आठों प्रकार के दरिद्रता का नाश करने वाले सदाशिव लिंग सभी प्रकार के सृजन के परम कारण हैं – आप सदाशिव लिंग को प्रणाम।

धन प्राप्ति के उपाय
वैदिक ज्योतिष के अनुसार द्वितीय भाव, अष्टम भाव व एकादश भाव पैसों से संबंधित भाव है। इन्हें मज़बूत बनाने से जीवन में सकारात्मकता का प्रवाह होता है। गुरु ग्रह को धनकारक भी कहा जाता है। ज्योतिषीय उपायों को अपनाकर आप गुरु ग्रह के लाभदायक फल जैसे धन-संपदा आदि प्राप्त कर सकते हैं। गुरु ग्रह को शक्तिशाली बनाने के लिए मंत्र का जाप करना चाहिए।

धन प्राप्ति के मंत्र

देवानां च ऋषिणां च गुरुं काञ्चनसन्निभम्। बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।। 
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः। ह्रीं गुरवे नमः। बृं बृहस्पतये नमः।

वहीं दूसरी ओर शुक्र ग्रह भौतिक सुख-साधन व विलासिता का प्रतीक होता है। इसकी कृपा से भी भव्य जीवन शैली प्रदान होती है। शुक्र को शक्तिशाली बनाने के लिए इस मंत्र का जाप करें-

हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम। सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम।। 
ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः। ह्रीं शुक्राय नमः। शुं शुक्राय नमः।

इसके अलावा शनि और राहु के दोषपूर्ण प्रभावों व सुख-संपत्ति के रास्ते में आने वाली बाधाओं को कम करने के लिए उपचारात्मक उपायों को अपनाया जा सकता है।

धन प्राप्ति के टोटके
फेंग्शुई में धन प्राप्ति के कई उपाय बताये गये हैं। फेंग्शुई के अनुसार दक्षिण पूर्वी दिशा धन का प्रतिनिधित्व करती है और इस दिशा को “धन का कोना” कहा जाता है। इस दिशा को छोटी लकड़ी कहते हैं और हरा रंग इसका प्रतिनिधित्व करता है। इस दिशा में हरे रंग की चीज़ों का ज़्यादा से ज़्यादा इस्तेमाल करने से हमारे जीवन में धन संपदा की बढ़ोत्तरी होती है। आर्थिक स्थिति मज़बूत होती जाती है व भव्य जीवनशैली प्राप्त होती है।
वास्तु शास्त्र में भी लक्ष्मी प्राप्ति के उपायों का उल्लेख है। वास्तु के अनुसार उत्तरी दिशा धन के देवता भगवान कुबेर के स्थान को दर्शाती है। इस दिशा को प्रभावी बनाने से आर्थिक स्थिति मज़बूत होती है और आपको सुखों का आनंद प्राप्त होता है। धन, जेवर व प्रॉपर्टी से जुड़े ज़रूरी कागज़ात को हम इस कोने में रख सकते हैं। वैसे इस दिशा में कुबेर यंत्र या मां लक्ष्मी व कुबेर देव की मूर्ति रखने से भी लाभ प्राप्त होता है।

धन प्राप्ति के अन्य उपाय


गृह क्लेश से बचें

जिस घर में अक्सर लड़ाई होती रहती है, उस घर पर लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है, इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आपके घर में लड़ाई न हो। इसके साथ ही घर की स्त्रियों को हमेशा सम्मान दें क्योंकि स्त्री को देवी का रूप माना जाता है। जिस घर में स्त्री का सम्मान नहीं होता, वहां लक्ष्मी का वास नहीं होता है।

जूठा न खाएं
जूठा भोजन न करें क्योंकि किसी का जूठा खाने से उसकी दरिद्रता का कुछ अंश आप में आ सकता है, ऐसे में खुद को संपन्न बनाए रखने के लिए किसी का भी जूठा न खाएं।

तुलसी का पौधा
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का बहुत महत्व है। घर में तुलसी का पौधा लगाएं और हर शाम उसके पास घी का दीपक जलाएं, ऐसा करने से माता लक्ष्मी की कृपा बरसेगी। वैसे अचल लक्ष्मी के वास के लिए तुलसी के पौधे को उत्तर-पूर्व दिशा में रखें।


रोजाना करें पूजा-पाठ
प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद पूजा-पाठ करने वाले घरों में लक्ष्मी का वास होता है। इसके साथ ही भगवान को भोग लगाने के बाद ही भोजन करना चाहिए।

पूजा के लिए हो विशेष कमरा
भगवान के पूजन के लिए हमेशा अलग कमरा रखें साथ ही उसकी शुद्धता का भी विशेष ख्याल रखें। पूजा करने से पहले पूरी तरह शुद्ध हो जाएं। अपने इष्ट देवता / देवी की हर दिन पूजा करें।

सफाई का रखें विशेष ध्यान
घर में लक्ष्मी का वास करवाने के लिए साफ-सफाई रखना आवश्यक है। सुबह उठते ही पूरे घर व रसोई में झाड़ू लगाएं, तत्पश्चात रसोई में कोई कार्य करें। शाम को झाड़ू लगाने का अर्थ घर से लक्ष्मी को निकालना होता है, ऐसे में शाम होने के बाद घर में झाड़ू न लगाएं। रात में रसोई में जूठे बर्तन न छोड़े और रसोई की सफाई करने के बाद ही सोएं। घर में कबाड़ आदि इकट्ठा न करें।

दान-पुण्य
जो कमाएं, उसका कुछ हिस्सा परोपकारिक व धार्मिक कार्यों में ज़रूर लगाएं। छल या धोखे से पैसा न कमाएं। पराए धन पर नज़र न रखें और ना ही किसी का मुफ्त का सामान रखें वरना आज नहीं तो कल आपको उसका उधार चुकाना ही पड़ेगा। धन रखने के स्थान को हमेशा साफ रखें और वहां पर लाल कपड़ा बिछाएं।

पानी न बहाएँ
सिर्फ ज़रूरत भर का पानी इस्तेमाल करें। बेफिज़ूल में पानी को न बहने दें क्योंकि बहता पानी घर से पैसों के बहाव को दर्शाता है। इसके साथ ही घर में बहते पानी के चित्र भी न रखें। इसके अलावा उपयोग किया गया पानी घर में कहीं जमा न होने दें।

अन्न की कद्र करें
धन के अलावा माता लक्ष्मी का एक और रूप है, अन्न। अन्न की थाली को छोड़ या फेंक कर जाना लक्ष्मी जी का निरादर होता है, इसलिए ऐसा कभी न करें। इसके साथ ही बचे हुए खाने को कभी फेंकना नहीं चाहिए। खाना फेंकने की बजाय यदि आप किसी ज़रूरतमंद को खिला देंगे तो उसकी दुआ लगेगी व माता लक्ष्मी की कृपा भी आप पर बरकरार रहेगी।

स्वयं पहल करें
धन प्राप्ति का एक उपाय यह भी है कि केवल भाग्य भरोसे ही न बैठे रहिए। आय के स्रोत को बढ़ाने के लिए खुद को भी किसी कार्य में कुशल बनाइए। क्योंकि भगवान भी केवल उनकी ही मदद करते हैं, जो अपनी मदद खुद करते हैं। इसलिए अपनी क्षमता का ध्यान रखते हुए ही आपको अपने कैरियर का चुनाव करना चाहिए और कड़ी मेहनत करनी चाहिए।

हम आशा करते हैं कि धन प्राप्ति के ये उपाय आपके लिए उपयोगी सिद्ध हों और आप पर देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहे।









व्यापार में वृद्धिके आसान व बेहतरीन टोटके जिनको करके बन सकते हैं आप मालामाल

क्या आप भी करना चाहते हैं व्यापार वृद्धि के उपाय? तो पढ़ें हमारा यह लेख। स्टार्ट अप के इस युग में आज देश का हर युवा अपने पैरों पर खड़े होने के लिए अपना व्यापार करने की सोचता है। परंतु व्यापार में तरक्की होगी या नहीं, यह सोचकर पहल करने में संकोच करता है। क्योंकि आए दिन एक नई कंपनी खुल तो जाती है लेकिन व्यापार में होने वाले नुकसान के चलते जल्द ही उन पर ताले भी लग जाते हैं। तो अगर आपको भी है...व्यापार में नुकसान का डर और चाहते हैं शीघ्र से शीघ्र व्यापार में बढ़ोत्तरी तो इस लेख के माध्यम से जानें व्यापार वृद्धि से जुड़े उपाय।


यंत्र पूजन
हिंदू धर्म के अनुसार पूजन के समय यंत्रों का काफी महत्व है। यंत्रों का प्रभाव बहुत सकारात्मक होता है और इनको पूजने से आर्थिक स्थिति मज़बूत होती है व जीवन में सुख प्राप्त होता है। ऐसे में व्यापार में सफलता पाने के लिए आप व्यापार वृद्धि यंत्र का पूजन कर सकते हैं। इस यंत्र को शुभ मुहूर्त देखकर स्थापित करें। हर माह शुक्ल पक्ष में रविवार का दिन इस यंत्र की स्थापना के लिए शुभ माना जाता है। इस यंत्र की पूजा करते समय ‘’ऊँ श्री ह्रीं क्लीं महालक्ष्मै नम:’’ का जाप करें। रोजाना व्यापार वृद्धि यंत्र की पूजा करने से व्यापार में बढ़ोत्तरी होगी और आय के साधन बढ़ेंगे।

गोमती चक्र
यह चक्रनुमा सफ़ेद पत्थर होता है जो गोमती नदी में पाया जाता है। इसी कारण इसे गोमती चक्र कहते हैं। इस पत्थर को मां लक्ष्मी जी का रूप माना जाता है। व्यापार में वृद्धि के लिए गोमती चक्र का इस्तेमाल किया जा सकता है। अपने व्यवसाय के स्थान पर शुक्ल पक्ष में गुरुवार के दिन आप हल्दी और केसर से 12 गोमती चक्रों पर तिलक लगाकर एक कपड़े में बांध कर रख दें। चाहें तो इस कपड़े को आप चौखट पर लटका भी सकते हैं। ऐसा करने से व्यापार में जल्द ही वृद्धि होने लगेगी।



व्यापार वृद्धि के टोटके
निम्न टोटकों को अपनाकर भी आप अपने व्यापार में बढ़ोत्तरी ला सकते हैंः

कार्यस्थल या दुकान पर अंदर जाने से पहले अपना दाहिना हाथ ज़मीन पर लगाएं और उसके बाद मस्तक या हृदय पर लगाएं। ऐसा करने से आपको असीम लाभ प्राप्त होगा। व्यापार या कारोबार वृद्धि के लिए ये बहुत ही आसान उपाय है।
व्यापार व कारोबार में वृद्धि के लिए लक्ष्मी नारायण के मंदिर में हर शुक्रवार गुड़ चना बाँटें। मंदिर में लक्ष्मी मां की प्रतिमा के समक्ष खुशबूदार अगरबत्ती जलाएं और प्रार्थना करें। ये आसान उपाय आपको हर तरह से समृद्धि दिलाएगा।
व्यापार में स्थायी लाभ पाने के लिए कुत्ता, गाय और कौवों को रोटी ज़रूर खिलाएं।
आप नींबू और हरी मिर्च के प्रयोग से भी अपने व्यापार व कारोबार को बढ़ा सकते हैं। इसके लिए 7 हरी मिर्च और 7 नींबू लेकर माला बनाएं और उसे दुकान में वहां पर टांगें, जहाँ ग्राहक की निगाह पड़े। ये बहुत ही आसान सा उपाय है, इसके आपको काफी अच्छे परिणाम मिलेंगे।
आप कच्चे सूत के प्रयोग से भी अपने व्यापार में तरक्की पा सकते हैं। एक कच्चे सूत को केसर के घोल में भिगोकर रंग दें और फिर इसे अपने कार्य स्थल पर बांध दें। ऐसा करने से व्यापार में सफलता मिलती है।
कार्यक्षेत्र पर जाते वक्त अपने इष्ट देव का ध्यान करें और कोई सुगंधित इत्र लगाएं, ऐसा करने से व्यापार में सफलता मिलेगी।
कपूर और रोली को जलाकर उसकी राख को एक कागज में रख लें और उसे अपनी दुकान या घर के उस स्थान पर रखें, जहां आप अपना धन रखते हैं।
लड़ाई, झगड़े व क्लेश वाले घरों में लक्ष्मी का निवास नहीं होता है, ऐसे में घर में शांति व प्रेम बनाएं रखें।
शाम के समय सोएं नहीं साथ ही झाड़ू भी न लगाएं क्योंकि ऐसा करने से लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं। पूजा स्थल पर दीपक ज़रूर जलाएं।
एक नारियल को चमकीले लाल नए कपड़े में लपेटकर घर और व्यापार स्थल के पूजा स्थान अथवा तिजोरी में रखें। इसमें रोजाना धूप या अगरबत्ती दिखाने से भी व्यापार में लाभ मिलता है।
कार्यक्षेत्र पर सफलता के लिए किसी सफल व्यक्ति को अपना आदर्श बना लें और उस व्यक्ति की तस्वीर अपने कक्ष में लगाएं। रोजाना समय निकालकर उस व्यक्ति के जीवन के बारे में अध्ययन करें और खुद को उसके बराबर लाने की योजना बनाएं।
व्यापारिक स्थल के पूजा घर में स्फटिक श्री यंत्र और एकाक्षी नारियल स्थापित करके प्रतिदिन गुलाब की सुगंधित अगरबत्ती से पूजा करने से व्यापार में निश्चित सफलता प्राप्त होती है।
व्यापार में मंदी आ जाने पर किसी साफ शीशी में सरसों का तेल भरें और उसे किसी बहती नदी या तालाब के जल में प्रवाहित कर दें। व्यापार फिर से उठने लग जाएगा।
शुक्ल पक्ष में किसी भी दिन अपनी फैक्ट्री या दुकान के दरवाजे के बाहर दोनों तरफ थोडा सा गेहूं का आटा रख दें। ध्यान रहे इस कार्य को करते वक्त किसी की नज़र आप पर न पड़े।
कारोबार में नुकसान या झगड़े की स्थिति होने पर अपने वज़न के बराबर कच्चा कोयला लेकर पानी में प्रवाहित कर दें, ऐसा करने से अवश्य लाभ होगा।
व्यापार को बढ़ाने के लिए शनिवार को पीपल के पेड़ से एक पत्ता तोड़ लाएं, उसे धूप-बत्ती दिखाकर अपनी दुकान की गद्दी जिस पर आप बैठते हैं, उसके नीचे रख दें। सात शनिवार तक लगातार ऐसा ही करें। जब गद्दी के नीचे सात पत्ते इकट्ठे हो जाएं तो उन्हें एक साथ किसी तालाब या कुएं में बहा दें, आपका व्यवसाय चल निकलेगा।
किसी ऐसी दुकान जो काफी चलती हो, वहां से लोहे की कोई कील या नट आदि शनिवार के दिन ख़रीदकर ले आएं। काली उड़द के 10-15 दानों के साथ उसे एक शीशी में रख लें। धूप-दीप से पूजा कर ग्राहकों की नज़रों से बचाकर दुकान में रख लें। व्यवसाय खूब चलेगा।
शनिवार को सात हरी मिर्च और सात नींबू की माला बनाकर दुकान में ऐसे टांगें कि उस पर ग्राहक की नज़र पड़े।
व्यापार स्थल पर किसी भी प्रकार की समस्या हो, तो वहां श्वेतार्क गणपति तथा एकाक्षी श्री फल की स्थापना करें और फिर नियमित रूप से धूप, दीप आदि से पूजा करें तथा सप्ताह में एक बार मिठाई का भोग लगाकर प्रसाद यथासंभव अधिक से अधिक लोगों को बाँटें। चाहें तो भोग नित्य प्रति भी लगा सकते हैं।
वास्तु दृष्टिकोण
धन-समृद्धि के देवता कुबेर का स्थान उत्तर दिशा में होता है और उत्तर दिशा का प्रतिनिधि बुध ग्रह होता है। ऐसे में घर की उत्तर दिशा के दोष पूर्ण होने से मनुष्य की बुद्धि भ्रमित हो सकती है, जिससे वह समय पर निर्णय लेने में खुद को असहज महसूस कर सकता है। इतना ही नहीं ऐसा होने से मनुष्य की आर्थिक उन्नति में भी बाधाएं आने लगती हैं इसीलिए व्यापार करने वाले जातक को अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान के लिए उत्तर दिशा को दोष मुक्त रखना चाहिए, ताकि उसकी अधिक से अधिक उन्नति हो सके। इसके लिए उन्हें उत्तर दिशा की दीवार पर हरे रंग के तोते की तस्वीर अवश्य लगानी चाहिए क्योंकि हरा रंग बुध का रंग होता है। उत्तर दिशा में हरे रंग के तोते की तस्वीर लगाने से वहां का दोष समाप्त हो जाता है और मनुष्य को शुभदायी फल प्राप्त होने लगता है।

आशा करते हैं कि इन उपायों को अपनाकर आप अपने व्यापार को बढ़ाने में कामयाब रहेंगे और सफलता के नए मुक़ाम हासिल करेंगे।

ग्रहों के अरिष्ट एवं वास्तु दोष निवारण हेतु करें यह सर्वविध कल्याणका‍री उपाय




जिस स्थान पर भवन, घर का निर्माण करना हो, यदि वहां पर बछड़े वाली गाय को लाकर बांधा जाए तो वहां संभावित वास्तु दोषों का स्वत: निवारण हो जाता है, कार्य निर्विघ्न पूरा होता है और समापन तक आर्थिक बाधाएं नहीं आतीं।
गाय के प्रति भारतीय आस्था को अभिव्यक्त करने की आवश्यकता नहीं है; क्योंकि गाय सहज रूप से भारतीय जनमानस में रची-बसी है। गोसेवा को एक कर्तव्य के रूप में माना गया है। गाय सृष्टिमातृका कही जाती है। गाय के रूप में पृथ्वी की करुण पुकार और विष्णु से अवतार के लिए निवेदन के प्रसंग पुराणों में बहुत प्रसिद्ध हैं। 'समरांगणसूत्रधार'- जैसा प्रसिद्ध बृहद वास्तु ग्रंथ गोरूप में पृथ्‍वी-ब्र्ह्मादि के समागम-संवाद से ही आरंभ होता है।

वास्तु ग्रंथ 'मयमतम्' में कहा गया है कि भवन निर्माण का शुभारंभ करने से पूर्व उस भूमि पर ऐसी गाय को लाकर बांधना चाहिए, जो सवत्सा (बछड़े वाली) हो। नवजात बछड़े को जब गाय दुलारकर चाटती है तो उसका फेन भूमि पर गिरकर उसे पवि‍त्र बनाता है और वहां होने वाले समस्त दोषों का निवारण हो जाता है। यही मान्यता वास्तुप्रदीप, अपराजितपृच्‍छा आदि ग्रंथों में भी है। महाभारत के अनुशासन पर्व में कहा गया है कि गाय जहां बैठकर निर्भयतापूर्वक सांस लेती है तो उस स्थान के सारे पापों को खींच लेती है-

नि‍विष्टं गोकुलं यत्र श्वासं मुञ्चति निर्भयम्।
विराजयति तं देशं पापं चास्यापकर्षति।।


यह भी कहा गया है कि जिस घर में गाय की सेवा होती है, वहां पुत्र-पौत्र, धन, विद्या, आदि सुख जो भी चाहिए, मिल जाता है। यही मान्यता अत्रि सं‍हिता में भी आई है। महर्षि अत्रि ने तो यह भी कहा है कि जिस घर में सवत्सा धेनु नहीं है, उसका मंगल-मांगल्य कैसे होगा?
गाय का घर में पालन करना बहुत लाभकारी है। इससे घरों में सर्व बाधाओं और विघ्नों का निवारण हो जाता है। बच्चों में भय नहीं रहता। विष्णु पुराण में कहा गया है कि जब श्रीकृष्ण पूतना के दुग्धपान से डर गए तो नंद दंपति ने गाय की पूंछ घुमाकर उनकी नजर उतारी और भय का निवारण किया। सवत्सा गाय के शकुन लेकर यात्रा में जाने से कार्य सिद्ध होता है।

पद्मपुराण और कूर्मपुराण में कहा गया है कि कभी गाय को लांघकर नहीं जाना चाहिए। किसी भी साक्षात्कार, उच्च अधिकारी से भेंट आदि के लिए जाते समय गाय के रंभाने की ध्वनि कान में पड़ना शुभ है। संतान-लाभ के लिए गाय की सेवा अच्छा उपाय कहा गया है। शिवपुराण एवं स्कंदपुराण में कहा गया है कि गोसेवा और गोदान से यम का भय नहीं रहता। गाय के पांव की धूलिका का भी अपना महत्व है।

यह पापविनाशक है, ऐसा गरूड़पुराण और पद्मपुराण का मत है। ज्योतिष एवं धर्मशास्त्रों में बताया गया है कि गोधूलि वेला विवाहादि मंगल कार्यों के लिए सर्वोत्तम मुहूर्त है। जब गायें जंगल से चरकर वापस घर को आती हैं, उस समय को गोधूलि वेला कहा जाता है। गाय के खुरों से उठने वाली धूल राशि समस्त पाप-तापों को दूर करने वाली है।

पंचगव्य एवं पंचामृत की महिमा से सर्वविदित हैं ही। गोदान की महिमा से कौन अपरिचित है! ग्रहों के अरिष्ट-निवारण के लिए गोग्रास देने तथा गौ के दान की विधि ज्योतिष ग्रंथों में विस्तार से निरूपित है। इस प्रकार गाय सर्वविध कल्याणका‍री ही है।





Tuesday, 19 December 2017

यदि आप राहु केतु और शनि को प्रसन्न करना चाहते है तो करें यह प्रमुख उपाय


शनि को प्रसन्न करने के लिए बताए गए खास उपायों में से एक उपाय है, किसी कुत्ते को तेल चुपड़ी हुई रोटी खिलाना। अधिकतर लोग प्रतिदिन कुत्ते को रोटी तो खिलाते ही हैं ऐसे में यदि रोटी पर तेल लगाकर कुत्ते को खिलाई जाए तो शनि के दोषों से मुक्ति मिलती है।
कुत्ता शनिदेव का वाहन है और जो लोग कुत्ते को खाना खिलाते हैं उनसे शनि अति प्रसन्न होते हैं। शनि महाराज की प्रसन्नता के बाद व्यक्ति को परेशानियों के कष्ट से मुक्ति मिल जाती है। साढ़ेसाती हो या ढैय्या या कुंडली का अन्य कोई दोष इस उपाय से निश्चित ही लाभ होता है।

राहु-केतु और शनि ग्रह दोषों से पीड़ा मुक्ति के असरकारक उपाय..

कुत्ते को तेल चुपड़ी रोटी खिलाने से शनि के साथ ही राहु-केतु से संबंधित दोषों का भी निवारण हो जाता है। राहु-केतु के योग कालसर्प योग से पीड़‍ित व्यक्तियों को यह उपाय लाभ पहुंचाता है। इसके अलावा निम्न मंत्रों से भी पीड़ित जातकों को अत्यंत फायदा पहुंचता है।

राहु मंत्र को अगर सिद्ध किया जाए तो राहु से जुड़ी परेशानियां समाप्त होती हैं। ध्यान रहे कि राहु मंत्र की माला का जाप 8 बार किया जाता है।

राहु-केतु के असरकारक मंत्र




राहु मंत्र-


ह्रीं अर्धकायं महावीर्य चंद्रादित्य विमर्दनम्।
सिंहिका गर्भ संभूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम्।

ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:।

ॐ शिरोरूपाय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहु प्रचोदयात्।

केतु मंत्र- 
केतु मंत्र का जाप 8 बार किया जाता है।

ॐ पलाशपुष्पसंकाशं तारकाग्रह मस्तकम्।
रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम।।

ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:।
ॐ पद्मपुत्राय विद्‍महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो केतु: प्रचोदयात्।



राहु और केतु के दोषो के निवारण हेतु करे यह प्रबल व चमत्कारी उपाय





अक्सर लोग राहु या केतु से डरे रहते हैं। राहु और केतु के कारण ही कालसर्प दोष निर्मित होता है। पुराणों अनुसार पितृदोष या प्रारब्ध के कारण कालसर्प योग बनता है। कालसर्प योग भी मुख्यत: 12 तरह के माने गए हैं। बहुत से लोग कालसर्प योग से डरे हुए हैं, लेकिन जंगल के खतरनाक जानवरों के बारे में जो जानते हैं वे निश्चित ही बच निकलने का रास्ता भी ढूंढ ही लेते हैं।
हम आपको राहु और केतु के चमत्कारिक अचूक उपाय बताएंगे आपकी कुंडली के खाने अनुसार। आप अपनी कुंडली में देखें की राहु और केतु किस खाने में बैठे हैं। उसी खाने के उपाय करके आप इन दोनों ग्रहों के बुरे प्रभावों से मुक्त हो सकते हैं। इससे पहले आप जान लें कि राहु और केतु आपके जीवन में किस तरह का प्रभाव डालते हैं।
 राहु का नकारात्क प्रभाव : काला जादू, तंत्र, टोना, आदि राहु ग्रह अपने प्रभाव से करवाता है। अचानक घटनाओं के घटने के योग राहु के कारण ही होते हैं। राहु हमारे उस ज्ञान का कारक है, जो बुद्धि के बावजूद पैदा होता है, जैसे अचानक कोई घटना देखकर कोई आइडिया आ जाना या अचानक उत्तेजित हो जाता। स्वप्न का कारक भी राहु है। भयभीत करने वाले स्वप्न आना या चमक कर उठ जाना भी राहु के बुरे प्रभाव के लक्षण माने गए हैं।
यदि अचानक शरीर अकड़ने लगे या दिमाग अनावश्यक तनाव से घिर जाए और चारों तरफ अशांति ही नजर आने लगे, घबराहट जैसा होने लगे तो इन सभी का कारण भी राहु है। वैराग्य भाव या मानसिक विक्षिप्तता भी राहु के कारण ही जन्म लेते हैं। बेकार के दुश्मन पैदा होना, बेईमान या धोखेबाज बन जाना, मद्यपान करना, अति संभोग करना या सिर में चोट लग जाना यह सभी राहु के अशुभ होने की निशानी है। ऐसे व्यक्ति की तरक्की की शर्त नहीं।

सकारात्मक प्रभाव : व्यक्ति दौलतमंद होगा। कल्पना शक्ति तेज होगी। राहु के अच्छा होने से व्यक्ति में श्रेष्ठ साहित्यकार, दार्शनिक, वैज्ञानिक या फिर रहस्यमय विद्याओं के गुणों का विकास होता है। इसका दूसरा पक्ष यह कि इसके अच्छा होने से राजयोग भी फलित हो सकता है। आमतौर पर पुलिस या प्रशासन में इसके लोग ज्यादा होते हैं।

केतु का नकारात्मक प्रभाव : लाल किताब अनुसार अब केतु का प्रभाव जानें। संसार में दो तरह के केतु होते हैं। पहला कुत्ता जो घर की रखवाली करता है और दूसरा चूहा जो घर को खोखला कर देता है। इस तरह के मित्र और रिश्तेदार भी होते हैं। घर में चूहों की तादाद ज्यादा है तो समझों केतु का प्रभाव ज्यादा है।
केतु रात की ‍नींद हराम कर देता है। धन का अनावश्यक अपव्यय करा देता है। पेशाब की बीमारी, जोड़ों का दर्द, सन्तान उत्पति में रुकावट और गृहकलह का कारण भी केतु है। बच्चों से संबंधित परेशानी, बुरी हवा या अचानक धोखा होने का खतरा भी केतु के अशुम होने के कारण बना रहता है।

केतु का सकारात्मक प्रभाव : केतु का शुभ होना अर्थात पद, प्रतिष्ठा और संतानों का सुख। यह मकान, दुकान या वाहन पर ध्वज के समान है। शुभ केतु से व्यक्ति का रुतबा कायम रहता है।


राहु का उपाय : राहु ससुराल पक्ष का कारक है, ससुराल से बिगाड़ नहीं चलना चाहिए। सिर पर चोटी रखना, माथे पर चंदन का तिलक लगाना, भोजन कक्ष में ही भोजन करना राहु का उपाय है। घर में ठोस चांदी का हाथी रख सकते हैं। सरस्वती की आराधना करें। गुरु का उपाय करें।
केतु का उपाय : संतानें केतु हैं। इसलिए संतानों से संबंध अच्छे रखें। भगवान, गणेश की आराधना करें। दोरंगी कुत्ते को रोटी खिलाएं। कान छिदवाएं। कुत्ता पालना।


कालसर्प योग का उपाय : श्राद्धपक्ष में पितरों की तृप्ति के लिए कार्य करें। पितृ दोष के निदान के लिए त्रयंबकेश्वर में इसकी पूजा कराई जाती है। शास्त्र अनुसार महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र, राहु बीज मंत्र या ओम नम: शिवाय का जाप करते रहने से भी इस दोष का निदान होता है।
लाल किताब अनुसार माथे पर चंदन का तिलक लगाएं। घर में कुछ किलो अनाज को किसी भारी वस्तु से दबाकर रखें। 11 नालियल बहते पानी में बहाएं। काले-सफेद कुत्ते, गाय और कौवों को रोटी खिलाते रहें। कान छिदवाएं। बड़े बुजुर्गों के पैर छुते रहें। किसी भी प्रकार के व्यसन से दूर रहें। पीपल में जल चढ़ाते रहें। घर में समय-समय पर गुढ़-घी की धूप देते रहें।


नोट : उपरोक्त उपाय किसी लाल किताब के विशेषज्ञ से पूछकर ही करें।...अब जानिए राहु और केतु के कुंडली के खाने अनुसार अचूक उपाय...

1.खाना नम्बर एक: यदि आपकी कुंडली के पहले भाव में राहु और सातवें भाव में केतु हो तो चांदी की ठोस गोली अपने पास रखें।

2.खाना नम्बर दो: यदि आपकी कुंडली के दूसरे भाव में राहु और आठवें में केतु हो तो दो रंग या ज्यादा रंगों वाला कम्बल दान करें।

3.खाना नम्बर तीन: यदि आपकी कुंडली के तीसरे भाव में राहु और नवम भाव में केतु हो तो सोना धारण करें। बाएं हाथ की कनिष्ठा में सोने का छल्ला पहने या चने की दाल बहते पानी में बहाएँ।

4.खान नम्बर चार: यदि आपकी कुंडली के चौथे भाव में राहु और दसम भाव में केतु हो तो चाँदी की डिब्बी में शहद भरकर घर के बाहर जमीन में दबाए।

5.खान नम्बर नांच: यदि आपकी कुंडली के पांचवे भाव में राहु और ग्यारहवें भाव में केतु हो तो घर में चांदी का ठोस हाथी रखें।



6.खान नम्बर छह: यदि आपकी कुंडली के छटे भाव में राहु और बारहवें भाव में केतु हो तो बहन की सेवा करना, ताजे फुल को अपने पास रखना। कुत्ता पालना।

7.खाना नम्बर सात: यदि आपकी कुंडली के सातवें भाव में राहु और पहले भाव में केतु हो तो लोहे की गोली को लाल रंग से अपने पास रखना। चांदी की डिब्बी में बहते पानी का जल भरकर उसमें चाँदी का एक चौकोर टुकड़ा डालकर तथा डिब्बी को बंद करके घर में रखने की सलाह दी जाती है। ध्यान रखते रहें कि डिब्बी का जल सूखे नहीं।


8.खाना नम्बर आठ: यदि आपकी कुंडली के अष्टम भाव में राहु और दूसरे भाव में केतु हो तो आठ सौ ग्राम सिक्के के आठ टुकड़े करके एक साथ बहते पानी में प्रवाहित करना अच्छा होगा।

9.खाना नम्बर नौ: यदि आपकी कुंडली के नवम भाव में राहु और तीसरे भाव में केतु हो तो चने की दाल पानी में प्रवाहित करें। चाँदी की ईंट बनवाकर घर में रखें।

10.खाना नम्बर दस: यदि आपकी कुंडली के दसम भाव में राहु और चौथे भाव में केतु हो तो पीतल के बर्तन में बहती नदी या नहर का पानी भरकर घर में रखना चाहिए। उस पर चाँदी का ढक्कन हो तो अति उत्तम।

11.खाना नम्बर ग्यारह: यदि आपकी कुंडली के ग्यारहवें भाव में राहु और पाँचवें भाव में केतु होने पर 400 ग्राम सिक्के के 10 टुकड़े करा कर एक साथ बहते जल में प्रवाहित करना चाहिए। इसके अलावा 43 दिनों तक गाजर या मूली लेकर सोते समय सिरहाने रखकर सुबह मंदिर आदि पर दान कर दें।

12.खाना नम्बर बारह: यदि आपकी कुंडली के बारहवें भाव में राहु और छटे भाव में केतु हो तो लाल रंग की बोरी के आकार की थैली बनाकर उसमें सौंफ या खांड भर कर सोने वाले कमरे में रखना चाहिए। कपड़ा चमकीला न हों। केतु के लिए सोने के जेवर पहनना उत्तम होगा।

सावधानी : उपरोक्त बताए गए उपायों को लाल किताब के किसी योग्य ज्योतिष से सलाह लेकर ही अमल में लाएं, क्योंकि कुंडली के अन्य ग्रहों का विश्लेषण भी करना होता है।




Saturday, 16 December 2017

जानिए हस्त रेखा से की आप को सरकारी नौकरी मिलेगी या नहीं, और करे यहअति तीव्र असरकारक उपाय




आज के समय में अधिकांश युवा सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सरकारी नौकरी में भविष्य सुरक्षित रहता है और उन्नति के भरपूर अवसर भी मिलते हैं। सरकारी नौकरी के लिए काफी लोग कोशिश करते हैं, लेकिन कुछ लोगों का ये सपना पूरा हो पाता है। हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार कुछ ऐसे योग बताए गए हैं, जिनसे ये मालूम हो सकता है कि किसी व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिलने के योग हैं या नहीं…

ध्यान रखें लड़कों के दाएं हाथ और लड़कियों के बाएं हाथ अध्ययन मुख्य रूप किया जाना चाहिए।

आजकल ऐसा है की कई लोग अपनी उच्च पढ़ाई करके भी नौकरी को लगने की बजाय घर पर ही बैठे रहते है.

उनकी और से पूरी मेहनत करके भी हर टेस्ट में जैसे की नौकरी पाने के लिए परीक्षा ये होती है उनमे असफल होते है.
ज्यादातर ऐसा होने के कई कारन होते है जैसे की आपके पढ़ाई में कमी या फिर अगर आपने दिलो जान से पढ़ा है फिर भी असफल हो रहे हो तो आपको किसी ग्रह का बुरा असर भी हो सकता है. या फिर आप भगवान् को दिल से याद नहीं करते होंगे .

कई लोगो को नौकरी होने के बाद बहुत सालो से उनका प्रमोशन नही होता. उन्होंने कड़ी मेहनत करने के बावजूत भी उनका प्रमोशन नहीं होता.

इस सब के लिए आपके ग्रह उचित स्थान पर नहीं होंगे तो इसके लिए आपको आज हम नौकरी पाने का मंत्र और प्रमोशन पाने का टोटका . लाल किताब में कई तंत्र मंत्र और कालाजादू के उपाय दिए है . इस लाल किताब का नौकरी पाने का उपाय आज हम आपको बताने जा रहे है .

अपनी मनचाही नौकरी पाने के लिए हर सोमवार को शिव जी के मंदिर में जाकर शिवजी के शिवलिंग पर मीठा कच्चा दूध चढ़ाते हुए साबुत चावल , जो टूटे हुए ना हो उनको अर्पित करके भगवान भोले नाथ से अपने मन की बात बताये.
इससे नौकरी में आने वाली सारी मुसीबते दूर हो जाती है.
अच्छी नोकरी और कारोबार में वृद्धि पाने के लिए अपने घर पर श्री.हनुमान जी की एक ऐसी फोटो लगाए जिसमे वह उड़ते हुए हो .और आपको हर मंगलवार के दिन श्री हनुमान चालीस का पाठ करना है.
आपके लाख प्रयत्न करके भी आप बेरोजगार हैं तो आपको बिना दाग वाला पीला नींबू लेकर उसके बराबर ४ भाग में टुकड़े कर लें और इसको शाम के समय किसी सुनसान चौराहे को जाकर चारों दिशाओं में निम्बू के टुकडो को फेंक दें और आपको बिना पीछे मुड़े या देखे घर वापस आना है .इसका उपाय आप शुक्ल पक्ष के किसी भी दिन से शुरू करते हुए सात दिन तक लगातार करना है.
इस उपाय का उपयोग करने से आपको नौकरी, कारोबार में सफलता मिलेगी.इसका उपयोग विशेषकर शनि अमावस्या के दिन विशेष रूप से प्रभावी होता है.       



  

शनि की साढ़ेसाती से बचने के अति प्रबल उपाय

शनि साढ़ेसाती




शनि की साढ़ेसाती मे महिला या पुरुष को मानसिक तनाव क्लेश हो जाना बने हुए काम बिघड़ जाना बुद्धि मे विकार आ जाना. बच्चो के बारे मे परेशानी होना. ऐसे कई प्रकार से विघ्न साड़ेसाती की वजह से आती है.

भगवान शनि के उपाय लाल किताब के टोटके 

अगर आपको शनि साढ़ेसाती का निवारण करना है . तो आपको 1/4 किलो काले चने लेकर उनको लोहे की नयी बाल्टी में डालकर उस बाल्टी को पानी से भर दे.
आपको ये सब क्रिया शुक्रवार के रात को करनी है और शनिवार की सुबहा पानी वाली बाल्टी में अपनी प्रतिमा आईने की तरह देखे .
वो पानी घर के बाहर या आस पास वाले पीपल के पेड़ पर डाल दे .
चनो को बहुत ही शुद्ध पानी में 1 मुट्ठी मे लेकर ” सूर्य पुत्राय नम:” कहकर प्रवाहित करदे . जब तक चने ख़तम नही होते इसी प्रयोग का ईस्तमाल करे और वो बाल्टी किसी शनि देवता के दान मागने वाले को १-१/४ किलो सरसों का तेल डालकर, कुछ सिक्के उसमे डालकर दान करदे. इससे आपको भगवान शनि को खुश कर सकते हो और आपका शनि का प्रभाव भी दूर हो जाएगा.

भगवान शनि की कृपा प्राप्त करने के लिए टोटके
शनि के दोष दूर करने के लिए और भगवान शनि को खुश करने के टोटके लिए .
आपको27 किलो गुलाब जामुन पर एक लौंग फूल वाली चोभोकर किसी भी शनिवार को जमुना नदी में प्रवाहित कर दे. इसको करने से भगवान शनि देव प्रसन्न हो जाएँगे.

कैसे करे भगवान शिव को प्रसन्न

शनि की साड़ेसाती का राशियों पर साढ़ेसाती का प्रभाव
साड़ेसाती का प्रथम चरण – वृ्षभ,धनु, सिंह राशियों के लिये शनि की साड़ेसाती कष्टकारी होता है.
साड़ेसाती का दूसरा चरण – कर्क,वृ्श्चिक,मेष, सिंह और मकर राशि के लिये ये समय ठीक नहीं होता.
साड़ेसाती का अन्तिम चरण– कर्क,मिथुन, तुला, वृ्श्चिक, और मीन राशि के लिये ख़ासकर कष्टकारी समय माना गया है.

सरकारी नौकरी प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकता करे ये बेहतरीन उपाय


आज के समय में हर युवा की इच्छा और कोशिश यही रहती हैं कि वह जल्द से – जल्द अपनी पढाई को पूर्ण करने के बाद एक सरकारी नौकरी प्राप्त कर लें. लेकिन आज के समय में सरकारी ही नहीं निजी क्षेत्रों में भी एक अच्छी नौकरी पाना बहुत ही कठिन हो गया हैं. पूर्ण योग्य होने के बाद और अथक प्रयास करने के बाद भी युवा वर्ग सरकारी नौकरी प्राप्त नहीं कर पाते. लेकिन अगर आप सरकारी नौकरी के लिए प्रयास कर रहें हैं और आपमें क्षमता, योग्यता हैं. तो आप ज्योतिषशास्त्र में बताए गये कुछ शक्तिशाली उपायों को आजमा सकते हैं. जिनका प्रयोग करने से आपको जरूर कोई न कोई सरकारी नौकरी प्राप्त अवश्य हो जायेगी. इन उपायों की चर्चा नीचे की गई हैं.

1.    यदि आपको अथक परिश्रम करने के पश्चात् भी सरकारी या निजी क्षेत्र से जुडी हुई नौकरी प्राप्त न हो रही हो. तो इसके लिए निम्नलिखित उपाय करें.

·         इस उपाय को करने के लिए पहले पूजा के सभी नियमों का पालन करते हुए विष्णु जी का नाम लेकर यज्ञ करें और उसके पश्चात् कुश लेकर अपने पितरों की मूर्ति बना लें


·         अब इस मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएँ.

·         अब इस मूर्ति पर यज्ञ की विभूति लगायें और नौकरी प्राप्ति की प्रार्थना करें.

·         इसके पश्चात् किसी भी धार्मिक ग्रंथ के एक अध्याय का पाठ करें.

·         अब मूर्ति को किसी नदी के बहते हुए पानी में प्रवाहित कर दें. इस उपाय को करने से आपको जल्द से जल्द आप जैसी नौकरी प्राप्त करना चाहते हैं. वैसी नौकरी अवश्य प्राप्त हो जायेगी तथा आपके सभी शुभ कार्य पूरे हो जायेंगे. लेकिन जब आपकी नौकरी लग जाएँ तो ब्राहमण को या किसी गरीब व्यक्ति को दान अवश्य करें.

2.    यदि किसी व्यक्ति को नौकरी में तरक्की नहीं मिल पा रही हैं, अर्थात आपने जिस स्तर से नौकरी करनी शुरू की थी आज भी उसी पद पर हैं तो नौकरी में तरक्की पाने के लिए इस उपाय को आजमायें. अगर आप नौकरी करते हुए अपने से ऊपर के स्तर पर पहुंचना चाहते हैं तो इस सात प्रकार का अनाज लें और इनके दाने चिड़ियों के आगे रोजाना डालें. रोजाना पक्षी को अनाज का सेवन कराने से आपको नौकरी में उन्नति जरुर हासिल होगी.

3.    यदि आप सरकारी नौकरी प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए शुक्रवार के दिन इस उपाय को करें.



·         इस उपाय को करने एक लिए सवा पाव उड़द की डाल लें और उसकों पिसवाने के बाद इस आटे की रोटी बना लें.

·         अब एक रुमाल लें और उस पर रोटी के 11 टुकड़े रख दें.

·         इसके बाद एक रोटी का टुकडा उठायें और उसके दुबारा 11 टुकड़े कर दें.

·         अब इन टुकड़ों को अपने सामने रख कर निम्नलिखित मन्त्र का जाप करें.
मन्त्र –

ॐ नमो महादेवी सर्वकार्य सिद्धिकरणी नमो नम:

इस मंत्र का 100 बार जप करने के बाद इन टुकड़ों को उठाकर जल में विसर्जित कर दें. अब जो टुकड़े बचे हुए हैं उन्हें तीन भागों में बाँट लें. अब इन टुकड़ों के एक हिस्से को कुत्ते के आगे डालें, दुसरे हिस्से को कौओं के आगे डाल दें और अंतिम हिस्से को रास्ते में डाल दें.



इस उपाय को लगातार 40 दिनों तक करने से आपको जल्द ही आपकी योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी प्राप्त हो जायेगी.

4.    सरकारी नौकरी के इच्छा रखने वाले व्यक्ति अगर सोमवार के दिन एक सफेद कपडे में काले चावल बांध कर भगवती काली की प्रतिमा के समक्ष अर्पित कर दें. तो उस व्यक्ति को शीघ्र ही नौकरी मिल जायेगी.





















धन हानि पर नियंत्रण पाने का अचूक व प्रबल उपाय

धन हानि (Money loss)




1.   यदि किसी व्यक्ति के घर में बार – बार धन की हानि हो रही हैं. तो उस व्यक्ति को धन की हानि होने से रोकने के लिए वीरवार के दिन इस उपाय को करना चाहिए. धन की हानि को रोकने के लिए वीरवार को अपने मुख्य द्वार पर गुलाल का छिडकाव करें. इसके बाद एक दो मुख वाला दीपक लें और उसमें शुद्ध घी डालकर इसे जला दें. अब इस दिए को मुख्य द्वार पर एक ओर रख दें और मन में ही यह कामना करें कि “ हे ईश्वर मुझे भविष्य में किसी भी प्रकार की धन हानि का सामना न करना पड़ें.” जब दीपक शांत हो जाएँ तो इसे उठा कर जल में प्रवाहित कर दें. इस उपाय को करने से आपकी घर की आर्थिक स्थिति सुधर जायेगी और आपको अतिरिक्त धन की हानि का भी सामना नहीं करना पड़ेगा. 
2.   यदि किसी व्यक्ति को लगातार धन हानि का सामना करना पड रहा हैं. तो इस स्थिति से बचने के लिए अपने हाथ में काला तिल ले लें और इसे अपने घर के सभी सदस्यों के सिर पर से वार दें. इसके पश्चात् तिल को अपने घर से बाहर उत्तर दिशा में फेंक दें. इस उपाय को करने के बाद आपके धन की हानि होना बंद हो जायेगी.

3.   घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए आप अपने घर में एक मोर का पंख भी रख सकते हैं. इसके अलावा यदि आप अपने घर में हमेशा एक सोने का वर्गाकार सिक्का रखें और रोजाना कुत्ते को दूध दें तो भी आपके घर की आर्थिक स्थिति ठीक हो जायेगी और आपको धन लाभ के अवसर प्राप्त होंगें.

4.   यदि किसी व्यक्ति के घर में पैसों का अभाव हो. जिसके कारण वह अपने जीवन की मुलभुत जरूरतें भी पूरी नहीं कर पा रहा हैं तो इस समस्या से बाहर निकलने के लिए हर मंगलवार को 11 पीपल के पत्ते लें और इन्हें गंगाजल से अच्छी तरह धो लें. इसके बाद लाल चन्दन लें और हर पत्ते पर चन्दन से राम का नाम 7 बार लिख दें. सभी पत्तों पर राम का नाम लिखने के बाद इन पत्तों को हनुमान जी के मंदिर में ले जाएँ और इन्हें हनुमान जी की मूर्ति के सामने चढ़ा दें. इसके बाद हनुमान जी की प्रतिमा के समक्ष बैठकर राम जी के नाम का जाप अपनी सामर्थ्य शक्ति के अनुसार करें. जाप समाप्त करने के बाद हनुमान चालीसा 
पक्तियां - जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करो गुरू देव की नांई

लगातार सात मंगलवार तक इस उपाय को करने के बाद आपके जीवन में आकस्मात ही ऐसी परिस्थितियां बन जाएँगी. जिससे आपको शीघ्र ही धन लाभ होगा. इस उपाय को करते समय यह ध्यान अवश्य रखें कि इस उपाय का जिक्र किसी अन्य व्यक्ति से बिल्कुल न करें.

5.   आर्थिक संकट से निजात पाने के लिए भारत के चारों वेदों में से सबसे पुराने वेद ऋग्वेद में एक बहुत ही शक्तिशाली व प्रभावी मन्त्र बताया गया हैं. जोकि निम्नलिखित हैं.

मन्त्र –

`ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि। ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।´




इस मन्त्र का अर्थ यह हैं कि “ हे लक्ष्मीपते आप दानी हैं, साधारण दानदाता ही नहीं बहुत बड़े दानी हैं. आप्तजनों से सुना हैं कि संसार भर से जो याचक निराश होकर आपसे जो प्रार्थना करता हैं उसकी पुकार सुनकर, उसे आप आर्थिक कष्टों से मुक्त कर देते हैं – उसकी झोली भर देते हैं. हे भगवान मुझे इस अर्थ संकट से मुक्त करें. यदि आप इस मन्त्र का उच्चारण कर इसी भांति भगवान के समक्ष प्रार्थना करेंगे तो आपको हमेशा – हमेशा के लिए अर्थ संकट से मुक्ति मिल जायेगी.
6.   आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए निम्नलिखित मन्त्र की 5 माला का जाप प्रतिदिन भगवान श्री विष्णु जी के सामने बैठकर करें. आपके धन में वृद्धि होगी.


मन्त्र – 
“ॐ क्लीं नन्दादि गोकुलत्राता दाता दारिद्र्यभंजन।
सर्वमंगलदाता च सर्वकाम प्रदायक:। श्रीकृष्णाय 
नम:।।"




























































Friday, 15 December 2017

यदि आप के बच्चे का मन पढ़ाई में या फिर किसी भी कार्य में एकाग्रचित नहीं हो पा रहा तो करे यहअति शीघ्र असरकारक उपाय



बच्चों का मन बहुत चंचल होता है। अगर बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा है या फिर किसी भी कार्य में वे एकाग्रचित नहीं हो पा रहे हैं तो फेंगशुई में बताए गए कुछ आसान से उपाय आजमा सकते हैं। इन उपायों से बच्चों में एकाग्रता बढ़ेगी और पढ़ाई के साथ खेलकूद और अन्य रोजमर्रा के कार्यों में भी वह बेहतर कर सकेंगे। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में। 
घर में उत्तर दिशा में फेंगशुई ग्रीन लैंप लगाने से बच्चों में एकाग्रता बढ़ती है। क्रिस्टल बॉल को नॉर्थ ईस्ट दिशा में रखने से बच्चे के भविष्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। बच्चों के स्टडी रूम में मां सरस्वती की मूर्ति या चित्र ऐसी जगह लगाएं जहां सभी की नजर जाती हो। बच्चों के कमरे में दौड़ते हुए घोड़े, उगता हुआ सूरज, बच्चे के सर्टिफिकेट और ट्राफी आदि लगाएं। हरे रंग के तोते वाला पोस्टर घर लेकर आएं और इसे उत्तर दिशा में लगा दें। माना जाता है कि ऐसा करने से बच्चों की स्मरण शक्ति बढ़ती है। माना जाता है कि तोता पालने से बुध ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है।
बच्चों की स्टडी टेबल गोल, आयताकार या फिर आकार में चौकोर हो। स्टडी टेबल के सामने दो फुट का स्थान रखें। ऐसा करने से बच्चे को मिलने वाली ऊर्जा में बाधा दूर हो जाती है। बच्चों का स्टडी रूम अस्त व्यस्त न हो। बच्चा जिन पुस्तकों को नहीं पढ़ता हो, उन्हें वहां से हटा दें। बच्चों की स्टडी टेबल को उत्तर दिशा में रखना चाहिए। पढ़ाई करते समय बच्चों का मुख भी उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। पढ़ाई करते समय बच्चों की पीठ के पीछे खिड़की हो तो ज्यादा बेहतर है। बच्चों के कमरे में शीशा ऐसी जगह न लगाएं जहां पुस्तकों पर उसकी परछाई पड़ती हो। ऐसा होने पर बच्चे पढ़ाई को बोझ मानने लगते हैं। 

Wednesday, 13 December 2017

बच्चो का दिमाग तेज करने का बेहतरीन व अति सरल उपाय







 बच्चो का दिमाग तेज करने का बेहतरीन व अति सरल उपाय
 गणेश रुद्राक्ष


विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी बुद्धि के देवता हैं। बुद्धि से सही समय पर सही निर्णय लेकर जीवन की बड़ी-बड़ी परेशानी का हल निकाल कर बुरा समय को भी अच्छा समय मे बदला जा सकता है। गणेश रुद्राक्ष भगवान गणपति जी का रूप है, इस धारण करने से व्यक्ति का मानसिक सन्तुलन काफी ठीक रहता है और वह परेशानी मे बिना घबराए सही निर्णय लेता है।

ज्योर्विद बृजेश त्रिपाठी बताते हैं कि जन्मपत्री मे चतुर्थ भाव से व्यक्ति का बुद्धि और मानसिक स्थिति भी देखा जाता हैं। जन्मपत्री मे जब भी किसी कारण से चतुर्थ भाव पीड़ित हो तो व्यक्ति सही तरह से अपनी बुद्धि का प्रयोग नहीं कर पाता है।
हाथों मे मस्तिष्क रेखा बुद्धि और सही निर्णय के निर्धारण मे महत्वपूर्ण भूमिका को व्यक्त करती है।

जब मस्तिष्क रेखा का उद्गम मंगल पर्वत से होकर जीवन रेखा को छूता हुआ चंद्र पर्वत की तरफ होता है। ऐसा व्यक्ति सनकी और अस्थिर विचारों वाला होता है। सही समय पर सही निर्णय नहीं लेता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार ओम का जाप करने से व्यक्ति का मानसिक संतुलन ठीक रहकर वह सही निर्णय लेता है और परेशानी से भी मुक्ति मिलती है।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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फेंगशुई के इस बेहतरीन उपाय से पाये व्यापार एवं व्यवसाय में अति शीघ्र सफलता

फेंगशुई के इस बेहतरीन उपाय से पाये व्यापार एवं व्यवसाय में अति शीघ्र सफलता



जीवन में सफलता और तरक्की तो हर कोई पाना चाहता है। इसके लिए आप मेहनत करते ही है। कई कितनी भी मेहनत कर लो सफलता नहीं मिल पाती। अगर आपको भी तरक्की नहीं मिल पा रही है तो फेंगशुई के इस आसान उपाय आपकी परेशानी का हल हो सकते हैं। फेंगशुई में घोड़े को तरक्की का रूप माना जाता है। यदि आपको तरक्की चाहिए तो आप घोड़े की मूर्ति घर में रख सकते है।
1. घर में रखे घोड़े का स्टैच्यू तरक्की का प्रतीक है। इसे आप घर के दक्षिण दिशा में रखें इससे आपको तरक्की मिलेगी।
2. घर में घोड़े की तस्वीर लगा सकते है वहीं दुकान वगैरह में आप इसका स्टैच्यू रख सकते है।
3. घोड़े को कभी भी लगाम के साथ नहीं रखना चाहिए। इसे इस तरह रखें कि इसकी रफ्तार रुकी हुई दिखाई दें।
4. घर के बेडरूम में आप घोड़ा रखते है तो ध्यान रखें कि आप घोड़े का जोड़ा रखे इससे पति-पत्नि के बीच प्रेम बढ़ता है। वहीं सुख-शांति आती है।

Tuesday, 12 December 2017

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिये करें बिच्छू बूटी की जड़ का ये अचूक प्रयोग

 बिच्छू बूटी
 बिच्छू बूटी

शनिदेव को प्रसन्न करने के लोग आमतौर पर नीलम, नीली या घोड़े की नाल का छल्ला धारण करते हैं लेकिन अनुकूल बैठने वाला उत्तम रत्न नीलम बहुत कम ही मिलता है । इसके साथ ही उसके भले -बुरे की परीक्षा भी अत्यधिक कठिन है। ज्योर्विद पंडित केएल झा शास्त्री ने बताया कि काफी महंगा होने के कारण यह रत्न जन साधारण के लिए खरीदना कठिन होता है। ऐसे में अगर आप भी शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो परेशान न हों क्योंकि नीलम की जगह आप बिच्छू बूटी की जड़ का प्रयोग कर सकते हैं। नीलम रत्न की जगह बिच्छू बूटी की जड़ का प्रयोग करके आप निश्चित रूप से शनिदोष से बच सकते हैं ।

क्या है बिच्छू बूटी

बिच्छू बूटी हिमाचल प्रदेश में बहुत होती है । कोमल कांटेदार पत्तों को स्पर्श करने से वृश्चिकदंश जैसी पीड़ा होने लगती है । इसीलिए इसका नाम बिच्छू बूटी है । इसे धारण करने के लिए किसी भी शुक्लपक्ष शनिवार को प्रातः पुष्य नक्षत्र में बिच्छू बूटी की जड़ उखाड़कर ले आएं। साथ ही पहले दिन शुक्रवार की संध्या को पहले निमंत्रण दें आएं। इस जड़ के टुकड़े को चांदी के ताबीज में भरकर शनिमन्त्र से अभिमंत्रित कर धारण करें । यह प्रत्येक व्यक्ति का शनिदोष निवारण करती है ।

इस मंत्र का करें जाप


ॐ -शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये ,शंय्योरभिस्रवन्तु नः शं शनये नमः ॐ



इस रुद्राक्ष को धारण करने से होते है अनेको फायदे अवश्य धारण करें

पारद रुद्राक्ष




पारद रुद्राक्ष.....पारद भगवान भोलेनाथ के शरीर से उत्पन्न श्रेष्ठतम वीर्य रस है | रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शंकर की आँखों के जलबिंदु से हुई है। एवं रुद्राक्ष का स्पदंन व्यक्ति के शरीर के चारो तरफ ऊर्जा का एक सुरक्षा कवच बना देता है। इसके चमत्कारी परिणाम मिलते हैं।

पारद रुद्राक्ष धारण करने से अनेक मानसिक और स्वास्थ्य लाभ है। व्यक्ति के मन से हीनता/निराशा/आलस्य समाप्त होता है, कई बार प्रसव अथवा किसी अन्य स्त्री रोग के कारण स्त्रियों का शरीर बेडौल हो जाता है, पेट पर लकीरें खिंच जाती हैं अथवा पेड़ू प्रदेश शिथिल पड़ जाता है. पारद रुद्राक्ष का स्पर्श शरीर को स्वस्थ कर देता है। स्वास्थ्य के लिए पारद रुद्राक्ष मधुमेह, दमा, रक्तचाप,कमर/जोड़ो दर्द,तिल्ली और दिल की बीमारियों का बहुत शक्तिशाली इलाज है।


सिर्फ फैशन का टशन नहीं है अष्टधातु का कड़ा पहनने से पहले जाने ये आवश्यक बाते

पारद धातु का कड़ा

हाथ में कड़ा पहनने का चलन बहुत पहले से है। सिख धर्म में कड़े को धारण करना आवश्यक माना गया है। अधिकांश व्यक्ति चांदी,सोना,लोहा या अष्टधातु का कड़ा पहनते है। दरअसल कड़ा सिर्फ फैशन का टशन नहीं है। रत्न-धातुओं के जानकार मानते हैं कि अगर आप थोड़ी जानकारी के साथ कड़े पहनें तो इसके कई फायदे भी हैं।

पारद एक जीवंत धातु है और पारद धातु का कड़ा हाथ में धारण करने से कई तरह की बीमारियों/ परेशानियो से रक्षा होती है। जो व्यक्ति मौसम संबंधी बीमारियों के शिकार जल्दी होते हैं। जिससे शारीरिक कमजोरी बढ़ जाती है। इन सभी बीमारियों से बचने के लिए हाथ में पारद धातु कड़ा पहनने से लाभ होते है।
जिन व्यक्तिओ पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव जल्दी होते है उन्हे भी पारद धातु कड़ा पहनने से लाभ होते है। क्योकि पारद धातु को भगवान शिव का स्वरूप माना गया है।  
जिन व्यक्तिओ के कमर, हाथ-पैरों,पेट में दर्द रहता है, वे हाथ में पारद धातु कड़ा धारण करें, क्योकि पारद धातु मे स्पंदन होता है जो खून का सर्कुलेशन नियंत्रण रखता है।
पारद धातु का शरीर पर स्पर्श व्यक्ति मे जलन, निंदा, मोह, अहंकार, हिंसा विक्षिप्तता आदि अनेक आंतरिक दोषों को कम करके मानसिक पीड़ा भी दूर करती है। व्यक्ति मे आलस्य भी दूर होता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य व सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

Saturday, 9 December 2017

बिना कुंडली के ही पाये सभी समस्याओ के समाधान







आपका बुरा समय चल रहा हो तो आपको किसी विद्वान ज्योतिषी की सहायता लेनी पड़ेगी | कुछ लोगों की जन्म कुंडली या जन्म विवरण सही नहीं होता । ऐसी दशा में कैसे पता लगाया जाए कि आप पर किस ग्रह का प्रभाव चल रहा है | कुछ लक्षण ऐसे होते हैं जिनका सीधा सम्बन्ध किसी ख़ास योग या ग्रह से होता है।

अगर आपको अचानक धन हानि होने लगे | आपके पैसे खो जाएँ, बरकत न रहे, दमा या सांस की बीमारी हो जाए, त्वचा सम्बन्धी रोग उत्पन्न हों, कर्ज उतर न पाए, किसी कागजात पर गलत दस्तखत से नुक्सान हो तो आप पर बुध ग्रह का कुप्रभाव चल रहा है |
इसके लिए बुधवार को गाय को हरा चारा व 50 ग्राम चने की दाल व गुड़ , इसी दिन खिलाएं । व अभिमंत्रित किया हुआ पन्ना रत्न चांदी में धारण करें।



जब , बुजुर्ग लोग आपसे बार बार नाराज होते हैं, जोड़ों मैं तकलीफ है, शरीर मैं जकरण या आपका मोटापा बढ़ रहा है, नींद कम है, पढने लिखने में परेशानी है किसी ब्रह्मण से वाद विवाद हो जाए अथवा पीलिया हो जाए तो समझ लेना चाहिए की गुरु का अशुभ प्रभाव आप पर पढ़ रहा है | अगर सोना गुम हो जाए पीलिया हो जाए या पुत्र पर संकट आ जाए तो निस्संदेह आप पर गुरु का अशुभ प्रभाव चल रहा है |



ऐसी स्थिति में केसर या हल्दी का तिलक वीरवार से शुरू करके 43 दिन तक रोज लगायें, सामान्य अशुभता दूर हो जाएगी किन्तु गंभीर परिस्थितियों में जैसे अगर नौकरी चली जाए या पुत्र पर संकट, सोना चोरी या गम हो जाए तो बृहस्पति के बीज मन्त्रों का जाप करें या करवाएं | तुरंत मदद मिलेगी | मंत्र का प्रभाव तुरंत शुरू हो जाता है | व अभिमंत्रित किया हुआ पुखराज रत्न चांदी या सोने में धारण करें।



अगर आपको वहम हो जाए, जरा जरा सी बात पर मन घबरा जाए, आत्मविश्वास मैं कमी आ जाए, सभी मित्रों पर से विशवास उठ जाए, ब्लड प्रेशर की बीमारी हो जाए, जुकाम ठीक न हो या बार बार होने लगे, आपकी माता की तबियत खराब रहने लगे |




अकारण ही भय सताने लगे और किसी एक जगह पर आप टिक कर ना बैठ सकें, छोटी छोटी बात पर आपको क्रोध आने लगे तो समझ लें की आपका चन्द्रमा आपके विपरीत चल रहा है | इसके लिए हर सोमवार का व्रत रखें और दूध या खीर का दान करें | अभिमंत्रित किया हुआ सफेद मोती व टाइगर या नीलमणि रत्न धारण करें।

 

अगर आपकी स्त्रियों से नहीं बनती, किसी स्त्री से धोखा या मान हानि हो जाए, किसी शुभ काम को करते वक्त कुछ न कुछ अशुभ होने लगे, आपका रूप पहले जैसा सुन्दर न रहे | लोग आपसे कतराने लगें | वाहन को नुक्सान हो जाए | नीच स्त्रियों से दोस्ती, ससुराल पक्ष से अलगाव तथा शूगर हो जाए तो आपका शुक्र बुरा प्रभाव दे रहा है |

 

आप महालक्ष्मी की पूजा करें, चीनी, चावल तथा चांदी शुक्रवार को किसी ब्राह्मण की पत्नी को भेंट करें, बड़ी बहन को वस्त्र दें, 21 ग्राम का चांदी का बिना जोड़ का कड़ा शुक्रवार को धारण करें | अगर किसी के विवाह में देरी या बाधाएं आ रही हों तो जिस दिन रिश्ता देखने जाना हो उस दिन 57 आटे की गोलियां किसी नदी मैं प्रवाहित करके जाएँ |

 

इन में से किसी भी उपाय को करने से आपका शुक्र शुभ प्रभाव देने लगेगा | किसी सुहागन को सुहाग का सामन देने से भी शुक्र का शुभ प्रभाव होने लगता है | ध्यान रहे, शुक्रवार को राहुकाल में कोई भी उपाय न करें | पुखराज व पन्ना दोनों रत्न धारण करें।

 

अगर आपके मकान मैं दरार आ जाए | घर में प्रकाश की मात्रा कम हो जाए | जोड़ों में दर्द रहने लगे विशेषकर घुटनों और पैरों में या किसी एक टांग पर चोट, रंग काला हो जाए, जेल जाने का डर सताने लगे, सपनों मैं मुर्दे या शमशान घाट दिखाई दे, गठिया की शिकायत हो जाए, परिवार का कोई वरिष्ठ सदस्य गंभीर रूप से बीमार या मृत्यु को प्राप्त हो जाए तो आप पर शनि का कुप्रभाव है |

 

जिसके निवारण के लिए शनिवार को सरसों का तेल लोहे के कटोरे में डाल कर अपना मुँह उसमे देख कर , उसी तेल में गुलगुले बना कर कुत्तो को खीलायें व बचा तेल आटे में मिलाकर भैंस को खीलायें। ऐसा हर शनिवार करें | बीमारी की अवस्था में किसी गरीब, बीमार व्यक्ति को दवाई दिलवाएं | नीलम रत्न धारण करें। व धर में काले घोड़े की नाल लगाएं।

 

अगर आपके बाल झड जाएँ और आपकी हड्डियों के जोड़ों मैं कड़क कड़क की आवाज आने लगे, पिता से झगडा हो जाए, मुकदमा या कोर्ट केस मैं फंस जाएँ, आपकी आत्मा दुखी हो जाए, आलसी प्रवृत्ति हो जाये तो आपको समझ लेना चाहिए की सूर्य व केतु का अशुभ प्रभाव आप पर हो रहा है |

 

ऐसी दशा मैं सबसे अच्छा उपाय है की हर सुबह सूर्य को मीठा डालकर अर्ध्य दें | पिता से सम्बन्ध सुधारने की कोशिश करें | पिता को उपहार दें। व गोमेद व लहसुनिया रत्न धारण करें।

 

आपको खून की कमी हो जाए, बार बार दुर्घटना होने लगे या चोट लगने लगे, सर मैं चोट, आग से जलना, नौकरी मैं शत्रु पैदा हो जाएँ या ये पता न चल सके की कौन आपका नुक्सान करने की चेष्टा कर रहा है, व्यर्थ का लड़ाई झगडा हो, पुलिस केस, जीवन साथी के प्रति अलगाव नफरत या शक पैदा हो जाए, आपरेशन की नौबत आ जाए, कर्ज ऐसा लगने लगे की आसानी से ख़त्म नहीं होगा तो आप पर मंगल ग्रह क्रुद्ध हैं |

 

ऐसे में आप , हनुमान जी की यथासंभव उपासना शुरू कर दें | हनुमान जी से तिलक लेकर माथे पर प्रतिदिन लगायें, अति गंभीर परिस्थितियों मैं रक्त दान करें तो जो रक्त आपका आपरेशन, चोट या दुर्घटना आदि के कारण निकलना है, नहीं होगा | व मूंगा त्रिकोण व कला मोती रत्न धारण करें। ओर घर में एक मुखी रूद्राक्ष सिंदूर में मिला कर रखें ।



Thursday, 7 December 2017

यदि आप शनि के प्रकोप से बचना चाहते है तो करे ये अदभुत उपाय










शनिवार को एक कांसे की कटोरी में सरसों का तेल और सिक्का (रुपया-पैसा) डालकर उसमें अपनी परछाई देखें और तेल मांगने वाले को दे दें या किसी शनि मंदिर में शनिवार के दिन कटोरी सहित तेल रखकर आ जाएं।
यह उपाय आप कम से कम पांच शनिवार करेंगे तो आपकी शनि की पीड़ा शांत हो जाएगी और शनिदेव की कृपा शुरू हो जाएगी।