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Friday, 29 July 2016

प्रतिदिन सोने से पूर्व पढें दो लाइनों की श्री कृष्ण की यह अतिसरल प्रार्थना - मिलेगी सभी क्लेशों से मुक्ति



भगवान श्री कृष्ण भक्त वत्सल हैं श्रद्धा भाव से की गयी सभी प्रार्थनाएं वे अवश्य  स्वीकार करते हैं और अपने भक्तों के सभी कष्टों का नाश करते हैं। आप भी प्रतिदिन सोने से पूर्व भगवान श्री कृष्ण की यह अतिसरल और अतिफलदाई प्रार्थना पढ़के सभी कष्टों से छुटकारा पा सकते हैं।  प्रार्थना इस प्रकार है :-

कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने l
प्रणत क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः ll




अर्थ :- "हे श्री कृष्ण, हे वासुदेव (वसुदेवके पुत्र ) हे हरि, हे परमात्मन, हे गोविंद, आपको नमन है , मेरे सारो क्लेश का नाश करें, हम आपके शरणागत हैं। "


भगवान शालिग्राम के यह २४ दिव्य नाम पढ़ने मात्र से होती है अखण्ड पुण्य फल की प्राप्ति और भगवान विष्णु की कृपा



भगवान शालिग्राम भगवान विष्णु का ही रूप हैं। नेपाल में गण्डकी नदी से प्राप्त होते हैं और सामान्यतः सभी के घर में नित्य पूजे जाते हैं। कहा जाता है की भगवान शालिग्राम का पंचामृत से अभिषेक करने से सभी प्रकार से समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है किन्तु यदि आप नित्य भगवान शालिग्राम का अभिषेक करने में असमर्थ हैं तो नित्य ही उन्हें तुलसी पत्र अर्पित करें क्योंकि भगवान शालिग्राम को तुलसी पत्र अत्यंत ही प्रिय हैं ध्यान रखें रविवार को तुलसी पत्र तोड़ना निषिद्ध है साथ ही यदि आप भगवान शालिग्राम के निम्नलिखित २४ नाम पढ़ या सुन भी सकें तो अभिषेक करने से भी कई गुना ज्यादा फल प्राप्त होता है। भगवान शालिग्राम के यह २४ नाम साल में आने वाली २४ एकादशी से सम्बंधित हैं अतः यदि रोज न संभव हो पाए तो एकादशी के दिन तो इन नामों को अवश्य ही पढ़ना चाहिए। नाम इस प्रकार हैं :-

  1. केशवशालिग्राम 
  2. मधुसुदन शालिग्राम
  3. संकर्षणशालिग्राम
  4. दामोदर शालिग्राम
  5. बासुदेवशालिग्राम 
  6. प्रध्युम्न शालिग्राम
  7. विष्णुशालिग्राम
  8. माधवशालिग्राम
  9. अनन्त मूर्ति शालिग्राम
  10. पुर्षोत्तम शालिग्राम
  11. अधोक्षज शालिग्राम
  12. जनार्दन शालिग्राम
  13. गोविन्द शालिग्राम
  14. त्रिविक्रम शालिग्राम
  15. श्रीधर शालिग्राम
  16. ऋषिकेश शालिग्राम
  17. नृसिंहशालिग्राम
  18. विश्व योनीशालिग्राम
  19. वामनशालिग्राम
  20. नारायण शालिग्राम
  21. पुण्डरीकाक्षशालिग्राम
  22. उपेन्द्र शालिग्राम
  23. श्री हरि शालिग्राम
  24. भगवान कृष्णशालिग्राम 

Saturday, 16 July 2016

अष्टधातु का कड़ा दिलाता है राहु के अशुभ प्रभावों से राहत - विशेष उपाय



यदि आपकी कुंडली में राहु अशुभ स्थिति में हो तो विशेष कष्टदायक होता है उसमे भी राहु की महा दशा और अंतर्दशा में अत्यन्त ही कष्टकारक दुष्प्रभाव दे सकता है ऐसी स्थिति में दाहिने हाथ में अष्टधातु का कड़ा धारण करने से अवश्य ही लाभ प्राप्त होता है साथ ही किसी योग्य ज्योतिष के परामर्श से राहु का जप और दान भी कर सकते है यह उपाय अवश्य ही राहत प्रदान करता है। 

शनि ग्रह द्वारा पीड़ित होने पर शनिवार शाम को करें यह सरल उपाय - निश्चित रूप से मिलता है लाभ



शनिवार की संध्या को काले कुत्ते को सरसों का तेल चुपड़ी हुई रोटी खिलाएं। यदि काला कुत्ते रोटी खा ले तो अवश्य शनि ग्रह द्वारा मिल रही पीड़ा शांति होती है।काले कुत्ते को द्वार पर नहीं लाना चाहिए। अपितु पास जाकर सड़क पर ही रोटी खिलानी चाहिए।



रोग मुक्ति के लिए शनिवार को करें यह अति विशेष उपाय



शनिवार को जौ का सवा पाव आटा लें। उसमें साबुत काले तिल मिलाकर रोटी बनाएं। अच्छी तरह सेंके, जिससे वे कच्ची न रहें। फिर उस पर थोड़ा-सा तिल्ली का तेल और गुड़ डाल कर पेड़ा बनाएं और एक तरफ लगा दें। फिर उस रोटी को बीमार व्यक्ति के ऊपर से 7 बार वार कर किसी भैंसे को खिला दें। पीछे मुड़ कर न देखें और न कोई आवाज लगाए। भैंसा कहां मिलेगा, इसका पता पहले ही मालूम करके रखें। भैंस को रोटी नहीं खिलानी है।





अपने घर के दर्पण में देखें अपने भविष्य की उन्नति - दर्पण से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी



दर्पण आप और हम रोज देखते हैं। हमारे सजने-संवरने में वह एक सुलभ और बेहतर माध्यम है। लेकिन दर्पण के कई उपयोग हैं। मसलन वास्तु के दृष्टिकोण से देखा जाए, तो दर्पण घर में सकारात्मक शक्तियों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। चीनी वास्तु में तो दर्पण का प्रयोग अच्छे प्रभाव को बढ़ाने तथा नकारात्मक ऊर्जा को पलटकर उसके प्रभाव को अच्छा करने के लिए किया जाता है। पर एक ही दर्पण हर जरूरत के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है। अलग-अलग आकार के दर्पण हों, तो वह विभिन्न परेशानियों को दूर भगाने में कारगर साबित होते हैं। वैसे तो दर्पण के लिए ईशान यानी उत्तर-पूर्व का कोना अच्छा माना जाता है। पर व्यवसाय में उन्नति के लिए दक्षिण दिशा में गोल दर्पण लगाना हितकर रहता है। लेकिन यह उपाय भारत में आसानी से स्वीकृत नहीं है। असल में यहां उत्तर में कुबेर का वास माना जाता है और जब दक्षिण की दीवार पर दर्पण लगाया जाएगा, तो उत्तर से आने वाले प्रतिबिंब दर्पण में दिखाई देंगे और कुबेर के लाभ से आप वंचित हो जाएंगे। वैसे हर देश के वास्तुशास्त्र में यह बताया गया है कि नुकीले, भारी और टूटे हुए दर्पण के प्रयोग से हमें बचना चाहिए।

  • व्यावसायिक या घर का नैऋत्य कोण यानी दक्षिण-पश्चिम भाग, अगर ईशान कोण से नीचा हो, तो आप ईशान कोण में चौड़ा दर्पण लगाएं। यह फर्श में गहराई का अहसास दिलाएगा। इससे घर की आय में बढ़ोतरी होती है।

  • यदि निवास या व्यावसायिक स्थल पर वायव्य कोण यानी उत्तर-पश्चिम भाग कटा हुआ हो, तो कटे हुए भाग की पूरी उत्तरी दीवार में चार फुट चौड़ा दर्पण लगाएं। इससे आर्थिक लाभ मिलेगा। साथ ही पड़ोसियों, रिश्तेदारों से संबंध अच्छे रहते हैं। अगर ईशान कोण कटा हुआ हो, तो अंदर के कटे हुए भाग पर दर्पण लगाने से बुरा प्रभाव ठीक हो जाता है।

  • आजकल फ्लैट्स के मुख्य द्वार सीढ़ियों के सामने होते हैं या लिफ्ट के बगल में। इसे एक प्रकार का वास्तु दोष माना जाता है। इसी प्रकार अगर घर का दरवाजा आखिरी सीढ़ी के समान तल पर है, तो यह भी वास्तु दोष है। इस वजह से गृहस्वामी को अपनी मेहनत का पूरा फल नहीं मिलता है और जमा पूंजी का भी हृस होता है। ऐसे में अगर दरवाजे पर अष्टकोणीय दर्पण लगा दिया जाए, तो सारे वास्तु दोष समाप्त होने लगते हैं। घर का मुख्य द्वार लिफ्ट के सामने हो, तो अपनी दहलीज ऊंची बनवा लें और अष्टकोणीय दर्पण द्वार पर लगाएं। इससे वास्तु दोष दूर हो जाता है।

  • अगर आपके फ्लैट या भवन के पीछे राजमार्ग हो, तो यह भी आपकी उन्नति में बाधा ला सकता है। आपकी निंदा अधिक होगी। इसलिए मकान के पीछे अष्टकोणीय दर्पण लगाना, श्रेयस्कर रहेगा।

  • अगर आपके घर में व्यावसायिक स्थल या कार्यालय हो, तो ध्यान रखें कि बैठने के स्थान के ठीक सामने मुख्य द्वार हो। अगर ऐसा नहीं है, तो बैठने के स्थान से उत्तरी दिशा में एक दर्पण इस तरह लगाएं कि उसमें आपका बिंब स्पष्ट रूप से दिखाई दे।

  • विशेषकर डाइनिंग रूम में दर्पण लगाना अच्छा माना जाता है। इससे भोजन करने की मात्रा संतुलित रहती है।

  • शयनकक्ष में बिस्तर के सामने दर्पण  नहीं रखना चाहिए। यदि ऐसा है, तो ध्यान दें कि दर्पण में बेड दिखाई न दे। यह स्वास्थ्य के लिए नकारात्मक माना जाता है।

  • अगर आपके घर में पूर्व के बजाय पश्चिम का भाग ज्यादा खुला हो, तो पूर्व दिशा में दर्पण का प्रयोग करें।







शिव पुराण में वर्णित सभी रोगों से मुक्ति प्राप्त करने का अतिसरल और अमोघ उपाय



यदि आप अक्सर बीमार रहते हैं या आपके घर में कोई न कोई सदैव बीमार बना रहता है तो घर के प्रत्येक सदस्य को या मुखिया को या बीमार व्यक्ति को स्वयं नित्य प्रति शिवलिंग पर काले तिल अर्पित करने चाहिए। भगवान शिव को तिल चढ़ाने से रोगों का नाश हो जाता है, ऐसा शिवपुराण में लिखा है। जरूरी नही है की बहुत ज्यादा तिल अर्पित किये जाएँ बस एक चुटकी ही काफी है क्योंकि भगवान भोलेनाथ आशुतोष अर्थात शीघ्र प्रसन्न होने वाले हैं।  वो सिर्फ भक्त का श्रद्धा भाव देखते हैं। और यह उपाय करने से कुछ ही दिनों में रोगों से मुक्ति प्रदान करते हैं। 

बस थोड़े से जौ भर सकते हैं आपके जीवन में खुशहाली के रंग - सुख शांति प्राप्ति का अद्भुत उपाय



जीवन में खुशहाली अति आवश्यक है सभी तरह की धन सम्पदा व्यर्थ है यदि  आपका मन ही खुश न रहे। मन को खुश रखने के लिए नित्य यदि नित्य संभव न हो तो प्रत्येक सोमवार को विशेष कर सावन में भगवान महादेव को जौ अर्पित करना चाहिए ऐसा  करने से सुख में वृद्धि होती है। जो व्यक्ति अपने जीवन में सुख चाहता है, उसे यह  उपाय करना चाहिए।


आमदनी में चमत्कारिक वृद्धि के लिए सावन के महीने में करें भगवान शिव शंकर का यह अमोघ और सरल उपाय



सावन के महीन में किसी भी दिन घर में पारद शिवलिंग की स्थापना करें और उसकी यथा विधि पूजन करें। इसके बाद नीचे लिखे मंत्र का 108 बार जप करें-

ऐं ह्रीं श्रीं ऊं नम: शिवाय: श्रीं ह्रीं ऐं


प्रत्येक मंत्र के साथ बिल्वपत्र पारद शिवलिंग पर चढ़ाएं। बिल्वपत्र के तीनों दलों पर लाल चंदन से क्रमश: ऐं, ह्री, श्रीं लिखें। अंतिम 108 वां बिल्वपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद निकाल लें तथा उसे अपने पूजन स्थान पर रखकर प्रतिदिन उसकी पूजा करें। माना जाता है ऐसा करने से व्यक्ति की आमदानी में इजाफा होता है।




Friday, 15 July 2016

अति दुर्लभ और शुभ संयोग है मार्ग में बछड़े को दूध पिलाती गाय का मिलना - करें यह छोटा सा उपाय तो पूरे होंगे सभी मनोरथ



कही जाते समय यदि आप को कोई ऐसी गाय मिले जो बछड़े को दूध पिला रही हो तो आप उसे कोई फल अथवा अन्य वस्तु अवश्य खिलाये। यह बहुत शुभ संकेत है ,जिसका आपको सुफ़ल प्राप्त होगा और आपके कार्य की सिद्धि होगी।


Thursday, 14 July 2016

चांदी की बांसुरी का धनदायक उपाय



किसी शुभ मुहर्त में चांदी कि बांसुरी को लाल साटन के कपडे में बांधकर लक्ष्मी जी कि तरह पूजा करे फिर लक्ष्मी जी की पूजा करे फिर श्री सूक्त का पथ करे फिर थोड़ी देर के बाद बांसुरी को उठाकर धन वाले स्थान पर रख दे.



धन प्राप्ति के लिए सिर्फ ७ शनिवार करें यह उपाय



शनिवार की शाम को उड़द की दाल के दाने पर थोड़ी सी दही और सिंदूर डालकर पीपल के नीचे रख आएं। वापस आते समय पीछे मुड़कर नहीं देखें। यह क्रिया शनिवार को ही शुरू करें और ७  शनिवार को नियमित रूप से किया करें, धन की प्राप्ति होने लगेगी।


लाल चन्दन का यह उपाय दूर करता है सभी परेशानियां


आज कल हर आदमी किसी न किसी कारण से परेशान है  कारण कोई भी हो आप एक तांबे के पात्र में जल भर कर उसमें थोडा सा लाल चंदन मिला दें। उस पात्र को सिरहाने रख कर रात को सो जांय । प्रातः उस जल को तुलसी के पौधे पर चढा दें । धीरे-धीरे परेशानी दूर होगी।





पीपल का वृक्ष समाप्त करता है सभी संकट - सभी प्रकार की समस्याओं के समाधान हेतु जानें अपना राशि अनुसार विशेष उपाय



पीपल के वृक्ष द्वारा अपनी समस्याओं को दूर करें…
प्रत्येक नक्षत्र वाले दिन भी इसका विशिष्ट गुण भिन्नता लिए हुए होता है.
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में कुल मिला कर 28 नक्षत्रों कि गणना है, तथा
प्रचलित केवल 27 नक्षत्र है उसी के आधार पर प्रत्येक मनुष्य के जन्म के
समय नामकरण होता है. अर्थात मनुष्य का नाम का प्रथम अक्षर किसी ना किसी
नक्षत्र के अनुसार ही होता है. तथा इन नक्षत्रों के स्वामी भी अलग अलग
ग्रह होते है. विभिन्न नक्षत्र एवं उनके स्वामी निम्नानुसार है यहां
नक्षत्रों के स्वामियों के नाम कोष्ठक के अंदर लिख रहा हूँ जिससे आपको
आसानी रहे.
(१)अश्विनी(केतु), (२)भरणी(शुक्र), (३)कृतिका(सूर्य),
(४)रोहिणी(चन्द्र), (५)मृगशिर(मंगल), (६)आर्द्रा(राहू),
(७)पुनर्वसु(वृहस्पति), (८)पुष्य(शनि), (९)आश्लेषा(बुध), (१०)मघा(केतु),
(११)पूर्व फाल्गुनी(शुक्र), (१२)उत्तराफाल्गुनी(सूर्य),
(१३)हस्त(चन्द्र), (१४)चित्रा(मंगल), (१५)स्वाति(राहू),
(१६)विशाखा(वृहस्पति), (१७)अनुराधा(शनि), (१८)ज्येष्ठा(बुध),
(१९)मूल(केतु), (२०)पूर्वाषाढा(शुक्र), (२१)उत्तराषाढा(सूर्य),
(२२)श्रवण(चन्द्र), (२३)धनिष्ठा(मंगल), (२४)शतभिषा(राहू),
(२५)पूर्वाभाद्रपद(वृहस्पति), (२६)उत्तराभाद्रपद(शनि) एवं
(२७)रेवती(बुध)..
ज्योतिष शास्त्र अनुसार प्रत्येक ग्रह 3, 3 नक्षत्रों के स्वामी होते है
.
कोई भी व्यक्ति जिस भी नक्षत्र में जन्मा हो वह उसके स्वामी ग्रह से
सम्बंधित दिव्य प्रयोगों को करके लाभ प्राप्त कर सकता है.
अपने जन्म नक्षत्र के बारे में अपनी जन्मकुंडली को देखें या अपनी
जन्मतिथि और समय व् जन्म स्थान लिखकर भेजे.या अपने विद्वान ज्योतिषी से
संपर्क कर जन्म का नक्षत्र ज्ञात कर के यह सर्व सिद्ध प्रयोग करके लाभ
उठा सकते है.
विभिन्न ग्रहों से सम्बंधित पीपल वृक्ष के प्रयोग निम्न है.
(१) सूर्य:- जिन नक्षत्रों के स्वामी भगवान सूर्य देव है, उन व्यक्तियों
के लिए निम्न प्रयोग है.
(अ) रविवार के दिन प्रातःकाल पीपल वृक्ष की 5 परिक्रमा करें.
(आ) व्यक्ति का जन्म जिस नक्षत्र में हुआ हो उस दिन (जो कि प्रत्येक माह
में अवश्य आता है) भी पीपल वृक्ष की 5 परिक्रमा अनिवार्य करें.
(इ) पानी में कच्चा दूध मिला कर पीपल पर अर्पण करें.
(ई) रविवार और अपने नक्षत्र वाले दिन 5 पुष्प अवश्य चढ़ाए. साथ ही अपनी
कामना की प्रार्थना भी अवश्य करे तो जीवन की समस्त बाधाए दूर होने
लगेंगी.
(२) चन्द्र:- जिन नक्षत्रों के स्वामी भगवान चन्द्र देव है, उन
व्यक्तियों के लिए निम्न प्रयोग है.
(अ) प्रति सोमवार तथा जिस दिन जन्म नक्षत्र हो उस दिन पीपल वृक्ष को सफेद
पुष्प अर्पण करें लेकिन पहले 4 परिक्रमा पीपल की अवश्य करें.
(आ) पीपल वृक्ष की कुछ सुखी टहनियों को स्नान के जल में कुछ समय तक रख कर
फिर उस जल से स्नान करना चाहिए.
(इ) पीपल का एक पत्ता सोमवार को और एक पत्ता जन्म नक्षत्र वाले दिन तोड़
कर उसे अपने कार्य स्थल पर रखने से सफलता प्राप्त होती है और धन लाभ के
मार्ग प्रशस्त होने लगते है.
(ई) पीपल वृक्ष के नीचे प्रति सोमवार कपूर मिलकर घी का दीपक लगाना चाहिए.
(३) मंगल:- जिन नक्षत्रो के स्वामी मंगल है. उन नक्षत्रों के व्यक्तियों
के लिए निम्न प्रयोग है....
(अ) जन्म नक्षत्र वाले दिन और प्रति मंगलवार को एक ताम्बे के लोटे में जल
लेकर पीपल वृक्ष को अर्पित करें.
(आ) लाल रंग के पुष्प प्रति मंगलवार प्रातःकाल पीपल देव को अर्पण करें.
(इ) मंगलवार तथा जन्म नक्षत्र वाले दिन पीपल वृक्ष की 8 परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए.
(ई) पीपल की लाल कोपल को (नवीन लाल पत्ते को) जन्म नक्षत्र के दिन स्नान
के जल में डाल कर उस जल से स्नान करें.
(उ) जन्म नक्षत्र के दिन किसी मार्ग के किनारे १ अथवा 8 पीपल के वृक्ष रोपण करें.
(ऊ) पीपल के वृक्ष के नीचे मंगलवार प्रातः कुछ शक्कर डाले.
(ए) प्रति मंगलवार और अपने जन्म नक्षत्र वाले दिन अलसी के तेल का दीपक
पीपल के वृक्ष के नीचे लगाना चाहिए.
(४) बुध:- जिन नक्षत्रों के स्वामी बुध ग्रह है, उन नक्षत्रों से
सम्बंधित व्यक्तियों को निम्न प्रयोग करने चाहिए.
(अ) किसी खेत में जंहा पीपल का वृक्ष हो वहां नक्षत्र वाले दिन जा कर,
पीपल के नीचे स्नान करना चाहिए.
(आ) पीपल के तीन हरे पत्तों को जन्म नक्षत्र वाले दिन और बुधवार को स्नान
के जल में डाल कर उस जल से स्नान करना चाहिए.
(इ) पीपल वृक्ष की प्रति बुधवार और नक्षत्र वाले दिन 6 परिक्रमा अवश्य करनी चाहिए.
(ई) पीपल वृक्ष के नीचे बुधवार और जन्म, नक्षत्र वाले दिन चमेली के तेल
का दीपक लगाना चाहिए.
(उ) बुधवार को चमेली का थोड़ा सा इत्र पीपल पर अवश्य लगाना चाहिए अत्यंत
लाभ होता है.
(५) वृहस्पति:- जिन नक्षत्रो के स्वामी वृहस्पति है. उन नक्षत्रों से
सम्बंधित व्यक्तियों को निम्न प्रयोग करने चाहियें.
(अ) पीपल वृक्ष को वृहस्पतिवार के दिन और अपने जन्म नक्षत्र वाले दिन
पीले पुष्प अर्पण करने चाहिए.
(आ) पिसी हल्दी जल में मिलाकर वृहस्पतिवार और अपने जन्म नक्षत्र वाले दिन
पीपल वृक्ष पर अर्पण करें
(इ) पीपल के वृक्ष के नीचे इसी दिन थोड़ा सा मावा शक्कर मिलाकर डालना या
कोई भी मिठाई पीपल पर अर्पित करें.
(ई) पीपल के पत्ते को स्नान के जल में डालकर उस जल से स्नान करें
(उ) पीपल के नीचे उपरोक्त दिनों में सरसों के तेल का दीपक जलाएं.
(६) शुक्र:- जिन नक्षत्रो के स्वामी शुक्र है. उन नक्षत्रों से सम्बंधित
व्यक्तियों को निम्न प्रयोग करने चाहियें.
(अ) जन्म नक्षत्र वाले दिन पीपल वृक्ष के नीचे बैठ कर स्नान करना.
(आ) जन्म नक्षत्र वाले दिन और शुक्रवार को पीपल पर दूध चढाना.
(इ) प्रत्येक शुक्रवार प्रातः पीपल की 7 परिक्रमा करना.
(ई) पीपल के नीचे जन्म नक्षत्र वाले दिन थोड़ासा कपूर जलाना.
(उ) पीपल पर जन्म नक्षत्र वाले दिन 7 सफेद पुष्प अर्पित करना.
(ऊ) प्रति शुक्रवार पीपल के नीचे आटे की पंजीरी सालना.
(७) शनि:- जिन नक्षत्रों के स्वामी शनि है. उस नक्षत्रों से सम्बंधित
व्यक्तियों को निम्न प्रयोग करने चाहिए.
(अ) शनिवार के दिन पीपल पर थोड़ा सा सरसों का तेल चडाना.
(आ) शनिवार के दिन पीपल के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाना.
(इ) शनिवार के दिन और जन्म नक्षत्र के दिन पीपल को स्पर्श करते हुए उसकी
एक परिक्रमा करना.
(ई) जन्म नक्षत्र के दिन पीपल की एक कोपल चबाना.
(उ) पीपल वृक्ष के नीचे कोई भी पुष्प अर्पण करना.
(ऊ) पीपल के वृक्ष पर मिश्री चडाना.
(८) राहू:- जिन नक्षत्रों के स्वामी राहू है, उन नक्षत्रों से सम्बंधित
व्यक्तियों को निम्न प्रयोग करने चाहिए.
(अ) जन्म नक्षत्र वाले दिन पीपल वृक्ष की 21 परिक्रमा करना.
(आ) शनिवार वाले दिन पीपल पर शहद चडाना.
(इ) पीपल पर लाल पुष्प जन्म नक्षत्र वाले दिन चडाना.
(ई) जन्म नक्षत्र वाले दिन पीपल के नीचे गौमूत्र मिले हुए जल से स्नान करना.
(उ) पीपल के नीचे किसी गरीब को मीठा भोजन दान करना.
(९) केतु:- जिन नक्षत्रों के स्वामी केतु है, उन नक्षत्रों से सम्बंधित
व्यक्तियों को निम्न उपाय कर अपने जीवन को सुखमय बनाना चाहिए.
(अ) पीपल वृक्ष पर प्रत्येक शनिवार मोतीचूर का एक लड्डू या इमरती चडाना.
(आ) पीपल पर प्रति शनिवार गंगाजल मिश्रित जल अर्पित करना.
(इ) पीपल पर तिल मिश्रित जल जन्म नक्षत्र वाले दिन अर्पित करना.
(ई) पीपल पर प्रत्येक शनिवार सरसों का तेल चडाना.
(उ) जन्म नक्षत्र वाले दिन पीपल की एक परिक्रमा करना.
(ऊ) जन्म नक्षत्र वाले दिन पीपल की थोडीसी जटा लाकर उसे धूप दीप दिखा कर
अपने पास सुरक्षित रखना.
इस प्रकार से प्रत्येक व्यक्ति उपरोक्त उपाय अपने अपने नक्षत्र के अनुसार
करके अपने जीवन को सुगम बना सकते है, इन उपायों को करने से तुरंत लाभ
प्राप्य होता है और जीवन में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होती
है और जो बाधा हो वह तत्काल दूर होने लगती है. शास्त्र, आदि सभी महान
ग्रन्थ अनुसार पीपल वृक्ष में सभी देवी देवताओं का वास होता है. उन्हीं
को हम अपने जन्म नक्षत्र अनुसार प्रसन्न करते है. और आशीर्वाद प्राप्त
करते है

आकर्षण एवं वशीकरण के प्रबल सूर्य मन्त्र



“ॐ नमो भगवते श्रीसूर्याय ह्रीं सहस्त्र-किरणाय ऐं अतुल-बल-पराक्रमाय नव-ग्रह-दश-दिक्-पाल-लक्ष्मी-देव-वाय, धर्म-कर्म-सहितायै ‘अमुक’ नाथय नाथय, मोहय मोहय, आकर्षय आकर्षय, दासानुदासं कुरु-कुरु, वश कुरु-कुरु स्वाहा।”
विधि- सुर्यदेव का ध्यान करते हुए उक्त मन्त्र का १०८ बार जप प्रतिदिन ९ दिन तक करने से ‘आकर्षण’ का कार्य सफल होता है।
२॰ “ऐं पिन्स्थां कलीं काम-पिशाचिनी शिघ्रं ‘अमुक’ ग्राह्य ग्राह्य, कामेन मम रुपेण वश्वैः विदारय विदारय, द्रावय द्रावय, प्रेम-पाशे बन्धय बन्धय, ॐ श्रीं फट्।”
विधि- उक्त मन्त्र को पहले पर्व, शुभ समय में २०००० जप कर सिद्ध कर लें। प्रयोग के समय ‘साध्य’ के नाम का स्मरण करते हुए प्रतिदिन १०८ बार मन्त्र जपने से ‘वशीकरण’ हो जाता है।
बजरङग वशीकरण मन्त्र
“ॐ पीर बजरङ्गी, राम लक्ष्मण के सङ्गी। जहां-जहां जाए, फतह के डङ्के बजाय। ‘अमुक’ को मोह के, मेरे पास न लाए, तो अञ्जनी का पूत न कहाय। दुहाई राम-जानकी की।”
विधि- ११ दिनों तक ११ माला उक्त मन्त्र का जप कर इसे सिद्ध कर ले। ‘राम-नवमी’ या ‘हनुमान-जयन्ती’ शुभ दिन है। प्रयोग के समय दूध या दूध निर्मित पदार्थ पर ११ बार मन्त्र पढ़कर खिला या पिला देने से, वशीकरण होगा। 

Wednesday, 13 July 2016

दाएँ हाथ की अनामिका उंगली से इस प्रकार लिख दें यह मन्त्र - जीवन भर नही होगी धन की कमी



शनिवार के दिन पीपल का एक पत्ता तोड़कर उसे गंगाजल से धोकर उसके ऊपर हल्दी तथा दही के घोल से अपने दाएं हाथ की अनामिका अंगुली से ह्रीं लिखें। इसके बाद इस पत्ते को धूप-दीप दिखाकर अपने बटुए में रखे लें। प्रत्येक शनिवार को पूजा के साथ वह पत्ता बदलते रहें। यह उपाय करने से आपका बटुआ कभी धन से खाली नहीं होगा। पुराना पत्ता किसी पवित्र स्थान पर ही रखें।




रावण संहिता में वर्णित सामाजिक वर्चस्व पाने का सरलतम और सिद्ध उपाय



सफेद आंकड़े को छाया में सुखा लें। इसके बाद कपिला गाय यानी सफेद गाय के दूध में मिलाकर इसे पीस लें और इसका तिलक लगाएं। ऐसा करने पर व्यक्ति का समाज में वर्चस्व हो जाता है।



श्री महालक्ष्मी की कृपा तत्काल दिलाने वाला सरलतम उपाय



महालक्ष्मी की कृपा तुरंत प्राप्त करने के लिए यह तांत्रिक उपाय करें। किसी शुभ मुहूर्त जैसे दीपावली, अक्षय तृतीया, होली आदि की रात यह उपाय किया जाना चाहिए। दीपावली की रात में यह उपाय श्रेष्ठ फल देता है। इस उपाय के अनुसार आपको दीपावली की रात कुमकुम या अष्टगंध से थाली पर यहां दिया गया मंत्र लिखें।

मंत्र:      ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी, महासरस्वती ममगृहे आगच्छ-आगच्छ ह्रीं नम:।

इस मंत्र का जप भी करना चाहिए। किसी साफ एवं स्वच्छ आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला या कमल गट्टे की माला के साथ मंत्र जप करें। मंत्र जप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए। अधिक से अधिक इस मंत्र की आपकी श्रद्धानुसार बढ़ा सकते हैं।इस उपाय से आपके घर में महालक्ष्मी की कृपा बरसने लगेगी।




Monday, 11 July 2016

रक्त गुंजा का यह उपाय दिलाता है आर्थिक सम्पन्नता और मान - सम्मान



रक्तगुंजा को लगभग सभी लोग जानते होंगे। इसे रत्ती भी कहते हैं क्योंकि इसका वजन एक रत्ती के बराबर होता है और किसी समय इससे सोने की तौल की जाती थी। इस पौधे की जड़ रवि पुष्य के दिन, किसी भी शुक्रवार को अथवा पूर्णिमा के दिन निर्मल भाव से धूप-दीप से पूजन कर उखाड़ें और घर में लाकर गाय के दूध से धो कर रख दें। इस जड़ का एक भाग अपने पास रखने से सारे कार्य सिद्ध होते हैं। मान-सम्मान में वृद्धि होती है।तथा आर्थिक सम्पन्नता आती है।





Saturday, 9 July 2016

निम्नलिखित विधि से एक कमल का फूल तिजोरी में स्थापित करने से होती है तीव्र गति से धन वृद्धि


कमल का पुष्प माता लक्ष्मी को और भगवान श्री विष्णु जी को अत्यन्त ही प्रिय है। कमल के फूल में लक्ष्मी जी का वास माना जाता है। शुक्रवार को कमल का पुष्प लाल वस्त्र में लपेटकर अपनी तिजोरी में रखने से धन का आगमन होने लगता है। यह फूल प्रत्येक दीपावली या किसी अन्य शुभ मुहर्त में बदलते रहना चाहिए और पुराने फूल को नदी आदि में विसर्जित कर देना चाहिए।


बरगद के वृक्ष की जटा में इस प्रकार लगा दें एक गांठ - पूरी होंगी धन सम्बन्धी सभी इच्छाएं



सभी को धन की इच्छा भी होती है और जरूरत भी किन्तु कभी - कभी धन की जरूरत अचानक पड़ जाती है और समझ नही आता की धन का प्रबंध कैसे करें। तो इस स्थिति में अचानक धन की प्राप्ति के लिए अपनी मनोकामना कहते हुए बरगद की जटा में गांठ लगा दें। शीघ्र ही आपको धनलाभ होगा। धनलाभ के बाद उस गांठ को खोल  दें। यथा संभव उस बरगद को जल आदि अर्पित करते रहें और प्राप्त हुए धन का दुरूपयोग न करें। केवल आकस्मिक और जरूरी काम के लिए धन प्रबंध के लिए यह उपाय करें जीविका कमाने के लिए परिश्रम अनिवार्य है।



धन प्राप्ति के लिए प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को करें हनुमान जी का यह अदभुत फलदाई उपाय



वैसे तो धन प्राप्ति के अनेकानेक  उपाय प्रचलित हैं किन्तु यह उपाय अत्यंत सरल होने के साथ साथ कई लोगों द्वारा परीक्षित भी है। मंगल तथा शनिवार को पीपल के एक अखण्डित  पत्ते को सुद्ध जल से धो कर उस पर लाल चंदन या घी और लाल सिन्दूर से   'राम' लिखकर उसपर कोई मिष्ठान रखें और हनुमान जी के मन्दिर में चढ़ा दें।
यह उपाय नियमित रूप से करें शीघ्र ही धनलाभ आरंभ हो जाएगा और आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।


प्रेमी या प्रेमिका अपने साथी को आकर्षित करने के लिए जपें भगवान श्री कृष्ण का यह मन्त्र - आकर्षण शक्ति बढ़ाने का अचूक उपाय



यदि आप किसी से प्रेम करते हैं किन्तु वह आपका प्रेम प्रस्ताव स्वीकार नही कर रहा है अथवा आप किसी को अपनी तरफ आकर्षित करना चाहते हैं तो किसी शुभ मुहर्त से यह जप आरम्भ करना चाहिए।  पुष्य योग या अक्षय तृतीय या जन्माष्टमी या अन्य कोई सुबह मुहर्त  आने पर प्रातः स्नान आदि करके साफ़ वस्त्र पहन कर भगवान श्री कृष्ण की पूजा करनी चाहिए।  फिर शुद्ध आसन पर बैठ कर रुद्राक्ष की माला से निम्न लिखित मन्त्र का कम से कम  १०८ बार यानि १ माला या ५ , ७ ,११ या २१ माला अपनी सुविधानुसार जप करना चाहिए।  मन्त्र इस प्रकार है :-

ॐ क्लीं कृष्णाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा:

पहले दिन जितने माला जप करें प्रतिदिन उतने ही माला जप करें साथ ही भगवान श्री कृष्ण से अपने मनोरथ पूर्ति के लिए प्रार्थना करें। इस प्रयोग में विचारों को पवित्र रखें तथा कभी भी इसका दुरूपयोग नही करना चाहिए। यह उपाय निश्चित रूप से फलदाई है इसमें कोई संसय नही होना चाहिए।  

यदि बनते काम बिगड़ने लगें तो समझ जाएँ की लगी है नजर यह सरल उपाय दूर करता है सभी विघ्न और बाधाएं



यदि आये दिन आपके कार्यों में विघ्न आते है बने हुए काम बिगड़ जाते है तो समझ जाएँ की किसी की नजर आप को लग गयी है ऐसी स्थिति में किसी भी दिन सरसों के तेल के दीपक में एक अखंडित लौंग डालकर उस दीपक को निर्जन स्थान में जला दें और प्रभु से मन ही मन अपनी समस्या के निराकरण के लिए प्रार्थना करें …..सभी विघ्न बाधाएं शांत हो जाएगी। कार्यों में सफलता मिलने लगेगी ।


व्यापारिक कार्यों में सफलता के लिए गुप्त रूप से करें यह अचूक टोटका



व्यापार या किसी भी खास काम में जाने से पहले २१  रुपये किसी गुप्त जगह में ईश्वर का नाम लेते हुए रखकर चले जाएँ, आपको सफलता मिलने की पूरी सम्भावना बनेगी …वापस आकर इन रुपये को बिना किसी को बताए हुए किसी गरीब को दान में दे दें । अधिक बड़े काम के लिए यह मुद्रा बढ़ा कर ५१ या १०१ या और भी अधिक अपनी श्रद्धा व काम की महत्ता के अनुसार कर सकते हैं।



गुप्त रूप से करें यह सबसे सरल और प्रभावी टोटका और पाएं सभी कार्यों में निश्चित सफलता



मंगलवार के दिन मिट्टी के एक बर्तन में शुद्ध शहद भरकर किसी एकांत स्थान में चुपचाप रख आईये,कार्य निर्विघ्न रूप से बनने लगेंगे,ऐसा करने से पहले या बाद में इसे किसी को भी न बताएं । साथ ही साथ तन मन की पवित्रता बनाए रखें। कोई भी अनुचित कार्य करने से बचें।






अगर शत्रु करे परेशान या मिलती हो बार बार असफलता तो सिर्फ तीन मंगलवार करें यह उपाय और देखें चमत्कार



यदि आपका कोई शत्रु है जो आपके कार्यों में रूकावट डालता है आपको हानि पहुंचाता सकता है तो मंगलवार के दिन एक नए लाल कपडे में 900 ग्राम लाल मसूर की दाल , सवा किलो गुड , एक कोई भी ताम्बें का बर्तन , चमेली के तेल की शीशी और 11 रुपये बांधकर उसे पहले हनुमान जी के चरणों से लगाकर अपनी सफलता के लिए प्रार्थना करें फिर किसी भी गरीब जरुरतमंद को दान दें दें ….ऐसा 3 मंगलवार तक अवश्य करें और उस दिन किसी पर भी क्रोध न करें ,शत्रु  शांत होने लगेंगे ।


Friday, 1 July 2016

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