रक्तगुंजा को लगभग सभी लोग जानते होंगे। इसे रत्ती भी कहते हैं क्योंकि इसका वजन एक रत्ती के बराबर होता है और किसी समय इससे सोने की तौल की जाती थी। इस पौधे की जड़ रवि पुष्य के दिन, किसी भी शुक्रवार को अथवा पूर्णिमा के दिन निर्मल भाव से धूप-दीप से पूजन कर उखाड़ें और घर में लाकर गाय के दूध से धो कर रख दें। इस जड़ का एक भाग अपने पास रखने से सारे कार्य सिद्ध होते हैं। मान-सम्मान में वृद्धि होती है।तथा आर्थिक सम्पन्नता आती है।
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