बृहस्पति की साधना में सिद्धि प्राप्त करने के लिये यदि पुखराज की माला से जाप किया जाय तो बहुत लाभ होता है। परन्तु यह अत्यधिक महँगी होती है। तो - अतः इसके विकल्प के रूप में हल्दी का प्रयोग किया जा सकता है।
इसके लिए - हल्दी की गाँठो को छीलकर गोल देने काट लें फिर उन्हें पिले धागे से पिरो लें। बृहस्पति ग्रह का मंत्र जपते हुये उस माला की धूप - दीप से पूजा करें। उसके उपरान्त उसी मंत्र से आहुति देकर हवन करें - हवन में 21 या अपनी आर्थिक - स्थिति के अनुसार इससे भी अधिक आहुति देनी चाहिये। जब हवन समाप्त हो रहा हो तो उस समय - उस माला को दस - पन्द्रह सैकिण्ड के लिये हवन का धुँआ लगा देना चाहिये। हवन समाप्त होने के बाद में अपनी सुविधानुसार चार - पांँच गरीब बच्चों को भोजन करायें।
यह माला - पुखराज की माला से भी अधिक गुण - सम्पन्न होती है। प्रतिदिन इसी माला पर बृहस्पति का मंत्र जापें। इससे सारे अनिष्ट दूर हो जायेगे और ज्ञान , बुद्धि , सम्मान आदि में वृद्धि होगी।
इसके लिए - हल्दी की गाँठो को छीलकर गोल देने काट लें फिर उन्हें पिले धागे से पिरो लें। बृहस्पति ग्रह का मंत्र जपते हुये उस माला की धूप - दीप से पूजा करें। उसके उपरान्त उसी मंत्र से आहुति देकर हवन करें - हवन में 21 या अपनी आर्थिक - स्थिति के अनुसार इससे भी अधिक आहुति देनी चाहिये। जब हवन समाप्त हो रहा हो तो उस समय - उस माला को दस - पन्द्रह सैकिण्ड के लिये हवन का धुँआ लगा देना चाहिये। हवन समाप्त होने के बाद में अपनी सुविधानुसार चार - पांँच गरीब बच्चों को भोजन करायें।
यह माला - पुखराज की माला से भी अधिक गुण - सम्पन्न होती है। प्रतिदिन इसी माला पर बृहस्पति का मंत्र जापें। इससे सारे अनिष्ट दूर हो जायेगे और ज्ञान , बुद्धि , सम्मान आदि में वृद्धि होगी।
No comments:
Post a Comment