किसी शुभ दिन ' श्रीफल ' ले आयें और इसे धो - पोंछकर , लाल रंग के कपड़े में लपेटकर पवित्र स्थान ( पूजाघर ) में रख दें। फिर इस पर - सिंदूर , कपूर , लौंग , छोटी इलायची आदि चढ़ायें। इस पर कोई सिक्का आदि भी चढ़ा दें। फिर धुप - दीप से पूजा करें। उसके बाद में 11 माला इस मन्त्र का जप करें - ॐ श्रीं श्रियै नमः।
फिर उसे किसी कटोरी में ( कपड़े सहित ) रख दें। उसकी प्रतिदिन पूजा करते रहें। कभी - कभी सिक्के भी चढ़ाते रहें।
इस प्रकार से पूजा करते रहने से - धन वृद्धि होती हैं और लक्ष्मीजी की पूर्ण कृपा प्राप्त होती हैं। धन - सम्पदा की वृद्धि के लिये यह प्रयोग बहुत ही सरल और प्रभावशाली है।
बक्से में रखें - उपरोक्त विधि से ' श्रीफल ' को यदि बक्से में रख दिया जाये तो उसमें मुद्रायें बढ़ने लगती हैं। किन्तु यह तथ्य भी ध्यान में रखना चाहिये कि उस बढ़ती हुई राशि से कभी पैसा निकलें नहीं , निकलने से वृद्धि रुक जाती है। समान्य खर्चे के लिये अलग पैसे रखे रहें श्रीफल के पैसे कभी न लें , बल्कि उस पर
कुछ - न - कुछ ( रुपया - दो रुपया ) चढ़ाते रहें। जब धीरे - धीरे काफी पैसे इकटठा हो जायें तो उस राशि को किसी शुभ एवं जनहितकारी कार्य ( जैसे - गरीब बच्चो के स्कूल की फीस , भूखों को भोजन , जरूरतमन्दों को कपड़े , प्याऊ लगवाना , बीमार जानवरों की सेवा आदि ) में खर्च कर दें। यह प्रयोग अनुभूत है और चमत्कारी प्रभाव देखता है।
गोलक में रखें - यदि आप 'श्रीफल ' को गोलक में रखना चाहते हैं तो उसमें भी रख सकते हैं। 'श्रीफल ' को गोलक में रखकर गोलक की प्रतिदिन धुप - दीप से पूजा करें। और उसमें पैसे भी डालते रहें। इस प्रयोग से वह अपेक्षाकृत कम समय में ही भर जायेगा।
अन्न भण्डार में - अन्न भण्डार ( अन्न के गोदाम ) में 'श्रीफल ' रखने से वह सदैव भरा ही रहता है। लेकिन इसका तात्पर्य यह नहीं है कि - 'श्रीफल ' रखने से अन्न की सुरक्षा ( कीड़े - मकोड़े , चूहों , आग , पानी आदि से ) भी होती रहेगी - इस प्रकार के संकटों से तो अन्न की सुरक्षा का पर्याप्त इंतजाम करना ही चाहिये। लेकिन 'श्रीफल ' रखने से अन्न भण्डार में वृद्धि होती रहेगी - इसका तात्पर्य यह है कि - अन्न का संग्रह करने की व्यवस्थयें बनती रहेंगी। वैसे भी सास्त्रों में लिखा है कि - अन्न का संग्रह ही सर्वश्रेष्ठ होता है -
धन्यानां संग्रहोः राजनुत्तमं सर्व संग्र्हात।
वुभुक्तं हि मुखे रत्नं न कुर्यात प्राण धारणाम।।
दुकान में रखें - नवरात्रि के नौ दिनों में से किसी भी दिन अपनी दुकान , प्रतिष्ठान , कार्यालय - जहाँ भी
लेन - देन या कोई व्यवसाय होता हो , यह मन्त्र - सिद्ध ' श्रीफल ' किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें। उसे नित्य
धुप - दीप दें और कोई सिक्का चढ़ाते रहें। यह प्रयोग करने से उस प्रतिष्ठान - दुकानदार की आर्थिक - स्थिति में धीरे - धीरे बहुत अधिक सुधार होने लग जायेगा।
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