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Friday, 17 November 2017

संवर जाएंगे सात जन्म, सभी कामनाएं हो जाएंगी पूर्ण और हर दुख दूर करता हैं ये मंत्र जानने के लिए अवश्य पढ़ें


वैदिक परंपरा में मंत्रोच्चारण का विशेष महत्व माना गया है. अगर सही तरीके से 

मंत्रों का उच्चारण किया जाए तो यह जीवन की दिशा ही बदल सकते हैं.

बहुत से लोग मंत्रों को सही तरीके से उच्चारित नहीं कर पाते और जब मनचाहा 

फल प्राप्त नहीं होता तो उनका विश्वास डगमगाने लगता है. इसलिए आज मैं 

आपको एक ऐसा मंत्र बताने जा रही हूं जिसे सुनने या पढ़ने मात्र से आपकी 

समस्याओं का समाधान निकलने लगता है.

शास्त्रों में ब्रह्मा जी को सृष्ष्टि का सृजनकार, महादेव को संहारक अौर भगवान 

विष्णु को विश्व का पालनहार कहा गया है. हिंदू धर्म में विष्णु सहस्रनाम सबसे 

पवित्र स्त्रोतों में से एक माना गया है.

इसमे भगवान विष्णु के एक हजार नामों का वर्णन किया गया है. मान्यता है कि 

इसके पढ़ने-सुनने से इच्छाएं पूर्ण होती हैं.ये स्त्रोत संस्कृत में होने से आम लोगों को 

पढ़ने में कठिनाई आती है इसलिए इस सरल से मंत्र का उच्चारण करके वैसा ही 

फल प्राप्त कर सकते हैं जो विष्णु सहस्रनाम के जाप से मिलता है.
यह है अत्यन्त शक्तिशाली मन्त्र..shaktishali mantra

” नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे.
सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युग धारिणे नम:.. “

जीवन में आने वाली किसी भी तरह कि बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन 








सुबह इस मंत्र का जाप करें.

महाभारत के ‘अनुशासन पर्व’ में भगवान विष्णु के एक हजार नामों का वर्णन 

मिलता है. जब भीष्म पितामह बाणों की शय्या पर थे उस समय युधिष्ठिर ने उनसे 

पूछा कि, “कौन ऐसा है, जो सर्व व्याप्त है और सर्व शक्तिमान है?” तब उन्होंने 

भगवान विष्णु के एक हजार नाम बताए थे.

भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को बताया था कि हर युग में इन नामों को पढ़ने या 

सुनने से लाभ प्राप्त किया जा सकता है. यदि प्रतिदिन इन एक हजार नामों का 

जाप किया जाए तो सभी मुश्किलें हल हो सकती हैं.

विष्णु सहस्रनाम को अौर भी बहुत सारे नामों से जाना जाता है जैसे- शम्भु, शिव, 

ईशान और रुद्र. इससे ज्ञात होता है कि शिव अौर विष्णु में कोई अंतर नहीं है ये 

एक समान हैं.

विष्णु सहस्रनाम के जाप में बहुत सारे चमत्कार समाएं हैं. इस मंत्र को सुनने मात्र 

से संवर जाएंगे सात जन्म, सभी कामनाएं हो जाएंगी पूर्ण और हर दुख का हो 

जाएगा अंत.


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