चन्द्रमा को माता का कारक और सूर्य को पिता का कारक माना जाता है अतः यदि आप सूर्य और चन्द्रमा ग्रह को मजबूत करके इनके शुभ फल प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको अपने माता पिता का न तो कभी अपमान करना चाहिए न ही उन्हें किसी प्रकार का मानसिक सा शारीरिक कष्ट देना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से सूर्य और चंद्रमा अशुभ प्रभाव देना आरम्भ कर देते हैं जिससे जातक को अनेकानेक कष्टों का सामना करना पड़ता है। यदि आपकी कुंडली में सूर्य या चन्द्रमा अशुभ प्रभाव दे रहे हों या शुभ प्रभाव भी दे रहे हो तो भी माता पिता की सेवा और सम्मान करके इन ग्रहों की शुभता बढ़ाई जा सकती है। यदि आप नित्य माता पिता के चरण स्पर्श करके उनका आशीर्वाद लेना आरम्भ कर दें तो आपकी उन्नति का मार्ग अवश्य ही प्रशस्त होगा इसमें कोई संदेह नहीं है। यह सबसे सरल उपाय करके देखें कुछ ही महीनों में आपको आपकी स्थिति में अंतर स्पष्ट नजर आयगा।
Thursday, 8 December 2016
कुंडली में सूर्य और चंद्रमा की शुभता पाने और दुष्प्रभाव को समाप्त करने का सरलतम उपाय
चन्द्रमा को माता का कारक और सूर्य को पिता का कारक माना जाता है अतः यदि आप सूर्य और चन्द्रमा ग्रह को मजबूत करके इनके शुभ फल प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको अपने माता पिता का न तो कभी अपमान करना चाहिए न ही उन्हें किसी प्रकार का मानसिक सा शारीरिक कष्ट देना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से सूर्य और चंद्रमा अशुभ प्रभाव देना आरम्भ कर देते हैं जिससे जातक को अनेकानेक कष्टों का सामना करना पड़ता है। यदि आपकी कुंडली में सूर्य या चन्द्रमा अशुभ प्रभाव दे रहे हों या शुभ प्रभाव भी दे रहे हो तो भी माता पिता की सेवा और सम्मान करके इन ग्रहों की शुभता बढ़ाई जा सकती है। यदि आप नित्य माता पिता के चरण स्पर्श करके उनका आशीर्वाद लेना आरम्भ कर दें तो आपकी उन्नति का मार्ग अवश्य ही प्रशस्त होगा इसमें कोई संदेह नहीं है। यह सबसे सरल उपाय करके देखें कुछ ही महीनों में आपको आपकी स्थिति में अंतर स्पष्ट नजर आयगा।
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