जिन व्यक्तियों को निरन्तर ऋण घेरे रहते हैं,उन्हें प्रतिदिन ऋणमोचक मंगल स्त्रोत का पाठ करना चाहिये। ऐसा करने से उन्हें ऋण से मुक्ति प्राप्त होगी। इससे हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और अपने वचनानुसार ,शनिदेव हनुमान जी की शरण में गये हुए व्यक्तियों को पीड़ित नहीं करते। यह पाठ शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार से प्रारम्भ करना चाहिये। यदि प्रतिदिन किसी कारण न कर सकें ,तो प्रत्येक मंगलवार को अवश्य करें।
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