प्राचीन काल से ही यह परम्परा रही है कि यदि किसी व्यक्ति के सिर पर कौआ बैठ जाता है तो उसकी मृत्यु की झूठी सूचना उसके परिजनों को दी जाती है और उसके परिजन शोक ग्रस्त हो जाते हैं। फिर कुछ समय पश्चात उन्हें सूचित किया जाता है कि उन्हें उन्हें गलत सूचना दी गयी थी क्योंकि अमुक व्यक्ति के सिर पर कौआ बैठ गया था। ऐसा इस लिए किया जाता है क्योंकि कौए को यमराज का सन्देश वाहक माना जाता है। इसका सिर पर बैठना अत्यन्त ही अशुभ और आने वाली विपत्ति का सूचक होता है। यह जिसके सिर पर बैठ जाता है माना जाता है की उसकी मृत्यु संभव है या उसे मृत्यु तुल्य कष्ट मिलने वाला है जिससे उसके सभी शुभ चिंतक शोकग्रस्त होंगे इसलिए संभावित विपत्ति को टालने के लिए मृत्यु की झूठी खबर फैला कर सभी को विपत्ति आने के पहले ही शोकग्रस्त कर दिया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से भविष्य में संभव अनिष्ट टल जायगा।
Saturday, 9 April 2016
क्यों फैलाते हैं मृत्यु की झूठी खबर यदि किसी के सिर पर कौआ बैठ जाता है - जानिए समपूर्ण प्राचीन कालीन कारण
प्राचीन काल से ही यह परम्परा रही है कि यदि किसी व्यक्ति के सिर पर कौआ बैठ जाता है तो उसकी मृत्यु की झूठी सूचना उसके परिजनों को दी जाती है और उसके परिजन शोक ग्रस्त हो जाते हैं। फिर कुछ समय पश्चात उन्हें सूचित किया जाता है कि उन्हें उन्हें गलत सूचना दी गयी थी क्योंकि अमुक व्यक्ति के सिर पर कौआ बैठ गया था। ऐसा इस लिए किया जाता है क्योंकि कौए को यमराज का सन्देश वाहक माना जाता है। इसका सिर पर बैठना अत्यन्त ही अशुभ और आने वाली विपत्ति का सूचक होता है। यह जिसके सिर पर बैठ जाता है माना जाता है की उसकी मृत्यु संभव है या उसे मृत्यु तुल्य कष्ट मिलने वाला है जिससे उसके सभी शुभ चिंतक शोकग्रस्त होंगे इसलिए संभावित विपत्ति को टालने के लिए मृत्यु की झूठी खबर फैला कर सभी को विपत्ति आने के पहले ही शोकग्रस्त कर दिया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से भविष्य में संभव अनिष्ट टल जायगा।
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