प्राचीन शास्त्र ग्रंथो में किसी को भी सम्मोहित करने या उसे अपने वश में करने के अनेकों उपाय उपलब्ध हैं जिससे पत्थर दिल वाले भी सहजता से सम्मोहित होकर आपके इच्छाओं के अनुकूल संचालित रहते हैं। आप जिस तरह से चाहते हैं, जैसी इच्छा बनाते हैं सामने या दूर बैठा पुरुष या स्त्री आपके इच्छा का पालन करना ही अपना धर्म मानने लगता हैं।
क्योंकि सम्मोहन किसी के भी मन को मोह लेने की वैज्ञानिक क्रिया है l यह कोई जादू, मंत्र, टोना, टोटका नहीं है। यह शुद्ध रूप से शरीर और मन का विज्ञान है जिसे ऋषि मुनियों ने भी प्रयोग किया और प्रबुद्ध लोगों और वैज्ञानिकों ने भी। इसके लिए अनेकों विधि है। किन्तु हम यहाँ सहज प्रयोग के रूप कुछ ऐसे बिंदी या तिलक धारण विधि को बताएँगे जिसका परिणाम देखकर आप चकित रह जाएँगे। यानी मस्तक पर कुछ ऐसे तिलक, बिंदी या टिक्का लगाने का प्रयोग जिसका प्रभाव सामने वाले नर-नारी को अपने सम्मोहन मैं आसानी से बांध लेता है।
इस विधि का प्रयोग करके आप जिसके भी सामने जाएँगे या सामने से गुजरेंगे वह आपसे आकर्षित हुए बिना नहीं रहेगा। जब बात करेंगे तो आपकी बातें, विचार उसे बहुत पसंद आएगा। आप जो भी कहेंगे उसका मन उसे स्वीकार करता जाएगा। आपके लिए भविष्य मैं वह निश्छल रूप से मैत्री व्यवहार करेगा। चाहें कोई अधिकारी हो, कर्मचारी हो, प्रेमी हो, प्रेमिका हो, नौकर हो, मालिक हो, दुकानदार हो, कोई भी हो, पूरी दुनिया के लोगों के लिए इसका प्रभाव बराबर लागू होता है। क्योंकि हर व्यक्ति के शरीर का सर्वाधिक लौह तत्व मष्तिस्क के बीच होता है जहाँ बिंदी या तिलक लगाई जाती है। इसे आज्ञा चक्र या गुरु चक्र भी कहते हैं।
आमतौर पर जब 2 व्यक्ति आमने सामने मिलते हैं तो एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति पर निश्चित ही हाबी हो जाता है, कारण कि, उस समय किसी एक का लौह तत्व यानी मैग्नेटिक तरंग, जिसे चुम्बकीय तरंग भी कहते हैं वह पावर में होती है। इस कारण मुलाकात सामान्यतः औपचारिक हो जाती है। किन्तु एक व्यक्ति अपने आज्ञाचक्र पर बिंदी या तिलक लगाकर बात करे तो दूसरे वाले पर भारी पड़ जाता है। क्योंकि एक की चुम्बकीय तरंग दूसरे से शक्तिशाली होती है और कमजोर तरंग वाला सम्मोहित हो जाता है।
अर्थात मस्तक पर आज्ञा चक्र का बहुत ही महत्व है। यह गोपनीय विधि है जिसे सार्वजनिक किया जा रहा है। मस्तक पर अपने आज्ञा चक्र पर लगाने के लिए दी जा रही कुछ सामग्रियों का प्रबंध करके बिंदी या तिलक लगाए फिर देखें दुनिया किस कदर लट्टू हो जाती है और आपका काम बनने लगता है। जिससे भी मिलने जाना हो ये तिलक लगाकर सामने जाएँ। किसी के विवाह में वाधा रूकावट हो तो युवक या युवती को दिखावा के वक्त ऐसा बिंदी या तिलक लगादें सफलता मिलेगी। अधिकारी से कोई कार्य हो तो काम बन जाएगा। दुकान पर ग्राहक आएँगे। दुश्मन, दुश्मनी भूल जाएगा। क्योंकि इसका असर महिला या पुरुष सभी पर बराबर होता है।
कोई आपसे नाराज चल रहा है तो फिक्र न करें, उसका नाम उच्चारण करके बिंदी / तिलक लगाकर सामने जाएँ तुरंत परिवर्तन दिखेगा। दुनिया की कोई भी वस्तु बेकार या फालतू नहीं होती। ज्ञान हो तो एक तिनका भी अपना बेशकीमत मूल्य रखता है। प्राचीन सामग्रियों का महत्व आज भी तरोताजा है। चुकि आधुनिकता की चपेट मैं हम प्राचीन शास्त्र सामग्रियों को भुलते चले जा रहे हैं, परन्तु आज भी इनमें राम बाण असर है। चुनौतीपूर्ण पावर है जो काफी सहजता से आपकी समस्या समाधान करते हुए आपको एक सम्मोहक व्यक्तित्व के रूप में प्रस्तुत करती है। अतः नीचे 3 प्रकार के बिंदी या तिलक प्रयोग करने की आसान विधि दी जा रही है, आपको इसका शत - प्रतिशत लाभ मिलेगा।
विधि -
1- तुलसी का बीज, रोली और काली हल्दी को आंवले के रस में मिलाकर गोल बिंदी या गोल/लम्बा तिलक लगाकर घर से निकलें। किसी से भी मिलना हो आराम से बात करें। वह व्यक्ति आपके सम्मोहन बंधकर जवाब देगा, जो आपके हक़ मैं सकारात्मक होगा ।
विधि -
2- गुरुवार के दिन हरताल और असगंध को केले के रस में पीसकर उसमें गोरोचन मिलाएं और बिंदी या तिलक करें। समान लाभ होगा।
विधि -
3- गुरुवार के दिन ही काली हल्दी, रोली, असगंध और चन्दन को आंवले के रस में मिलाकर तिलक या बिंदी करें। समान लाभ मिलेगा।
प्रस्तुत तीनों प्रयोग अनेकों लोगों पर आजमाया हुआ है। आप अपने शहर के किसी व्यक्ति या दुकानदार से सामग्रियों की व्यवस्थl कर विधि के अनुसार प्रयोग करें। जो भी आपसे नजर मिलाएगा वो ठगा सा रह जाएगा। क्योंकि देखने वाले की मैग्नेटिक तरंग कमजोर होती है और उसपर आपके बिंदी तिलक का जबरदस्त असर जो होता है । किन्तु हाँ, आप अपने अन्दर की नकारात्मक सोंच ख़त्म कर दें तो यह प्रयोग बिजली की तरह काम करता दिखेगा। आप अभी से सकारात्मक सोंच की आदत डालिए ये आपको और भी मामलों में कामयाबी दिलाएगा।
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