यदि किसी व्यक्ति के घर में प्रथम संतान पुत्र है तो पुत्रजन्म के उपरांत, बालक के दाँत गिरते समय माता - पिता विशेष ध्यान रखें कि पुत्र के दाँत निकलकर जब गिरने की स्थिति में हों तो उन्हें धरती पर गिरने से पूर्व ही दाँत को हाथ में ले लें और उसको सुरक्षित और शुद्ध स्थान पर रख दें तथा भविष्य में जब बृहस्पति के दिन पुष्य नक्षत्र पड़े तब उस दाँत को गंगाजल से शुद्ध कर उसकी पूजा के उपरान्त चांदी की डिब्बी में धन रखने के स्थान पर रख दे। अब पुत्र के जन्म नक्षत्र के दिन प्रत्येक मास में दाँत को सूर्य देव के दर्शन कराकर पुनः गंगाजल से शुद्ध करके व पूजा करके यथास्थान रख दें। यह प्रयोग अपनी विशिष्टता के अनुरूप ही विशेष लाभ प्रदान करने वाला है। ध्यान रहे की बालक के दाँत का धरती से स्पर्श सर्वथा वर्जित है।
Friday, 19 February 2016
अगर आपकी प्रथम संतान पुत्र है तो यह अतिविशिष्ट उपाय आपको बना सकता है कुबेर के सामान धनवान - अतिरोचक और अति दुर्लभ जानकारी
यदि किसी व्यक्ति के घर में प्रथम संतान पुत्र है तो पुत्रजन्म के उपरांत, बालक के दाँत गिरते समय माता - पिता विशेष ध्यान रखें कि पुत्र के दाँत निकलकर जब गिरने की स्थिति में हों तो उन्हें धरती पर गिरने से पूर्व ही दाँत को हाथ में ले लें और उसको सुरक्षित और शुद्ध स्थान पर रख दें तथा भविष्य में जब बृहस्पति के दिन पुष्य नक्षत्र पड़े तब उस दाँत को गंगाजल से शुद्ध कर उसकी पूजा के उपरान्त चांदी की डिब्बी में धन रखने के स्थान पर रख दे। अब पुत्र के जन्म नक्षत्र के दिन प्रत्येक मास में दाँत को सूर्य देव के दर्शन कराकर पुनः गंगाजल से शुद्ध करके व पूजा करके यथास्थान रख दें। यह प्रयोग अपनी विशिष्टता के अनुरूप ही विशेष लाभ प्रदान करने वाला है। ध्यान रहे की बालक के दाँत का धरती से स्पर्श सर्वथा वर्जित है।
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