शत्रु को मित्रवत बनाना हो , अधिकारी से मनोनुकूल कार्य करवाना हो , पति - पत्नी में मतभेद हो या किसी अन्य को नियंत्रण में करना हो तो शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार को प्रातः स्नान कर चाँदी की एक थाली में मोती शंख को गंगा जल से धो कर रख दें। तत्पश्चात इस पर कुमकुम लगा दें। शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित करें। स्फटिक माला से निम्न मन्त्र का एक माला जप करें। यह प्रयोग एक माह नियमित रूप से करें। जल्द ही मनोवांछित सफलता प्राप्त होगी। यह अत्यधिक बलशाली प्रयोग है , परन्तु पूर्ण श्रद्धा आवस्यक है। मन्त्र इस प्रकार है :-
"ॐ फ्रीं वांछितं में वशमानय स्वाहा। "
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